धनंजय सिंह और श्रीकला ने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर कसम भी खाई... अब बसपा का पलटवार
धनंजय और श्रीकला ने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर किसी के दबाव में नहीं आने की कसम भी खाई। यह दावा अब बसपा की तरफ से कोर्डिनेटर घनश्याम खरवार ने किया है। कहा धनंजय के दबाव में आने की जानकारी हो गई थी।
जौनपुर से चुनाव लड़ रहीं पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का टिकट बसपा ने काटा या फिर वापस किया गया? इसे लेकर धनंजय और बसपा के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है। धनंजय सिंह ने दावा किया कि उन्होंने टिकट नहीं लौटाया। जबकि बसपा के कोआर्डिनेटर घनश्याम खरवार ने साफ कहा कि धनंजय ने फोन करके श्रीकला के चुनाव नहीं लड़ पाने की बात कही। इसके बाद तो खरवार पर धनंजय सिंह बुरी तरह हमलावर हो गए। अब खरवार ने पलटवार करते हुए यहां तक कहा कि धनंजय सिंह के दबाव में आने की बातें हम लोगों को पहले ही पता चल चुकी थी। धनंजय और श्रीकला ने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर किसी के दबाव में नहीं आने की कसम भी खाई। अभी तक बसपा नेता कम ही किसी मामले पर मीडिया के सामने आकर इस तरह से कोई बयान देते हैं। मीडिया की डिबेट से भी बसपा के नेता दूर रहते हैं। लेकिन इस बार धनंजय को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।
बसपा कोआर्डिनेटर और पूर्व सांसद घनश्याम चंद खरवार ने कहा कि धनंजय सिंह ने किसी के दबाव में टिकट वापस किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि धनंजय सिंह से वह रविवार की रात मिले थे। उनके केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया गया। इस दौरान उन्होंने धनंजय सिंह से पूछा कि कहीं कोई शंका तो नहीं है तो धनंजय सिंह और उनकी पत्नी ने अपने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर कसम खाई की श्रीकला ही लड़ेंगी।
खरवार ने कहा कि इसके कुछ देर बाद ही रात 11 बजे के करीब फोन कर धनंजय ने कहा कि उनकी पत्नी श्रीकला चुनाव नहीं लड़ पाएंगी और आप लोग कोई दूसरा प्रत्याशी तलाश लीजिए। इसके बाद ही बसपा ने रात में प्रत्याशी की तलाश की और अपने पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाने के लिए तैयार किया गया। उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि बसपा ने श्रीकला का टिकट नहीं काटा।
दबाव और डर पर क्या बोले थे धनंजय सिंह
इससे पहले श्रीकला के चुनाव नहीं लड़ने की खबरें सोमवार की सुबह से मीडिया पर चलने लगी और बसपा का बयान भी आ गया तो धनंजय नामांकन का टाइम खत्म होने के बाद सामने आए। धनंजय ने दावा किया कि किसी के दवाव में नहीं हैं। उन्होंने टिकट नहीं वापस किया है। वह किसी के सामने झुकने वाले नहीं हैं। यह भी कहा कि पहले भी बसपा सरकार में मायावती मुख्यमंत्री थीं तो वर्ष 2003 में उन पर मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा गया। तब भी उन्होंने जौनपुर में बड़ी रैली कर कहा था कि वह न तो झुके हैं न झुकेंगे। तब भी माफी मांगने की अफवाह उड़ाई गई थी।
कहा कि न कभी माफी मांगी थी न मांगेंगे। श्रीकला के निर्दल भी नहीं लड़ने को लेकर कहा कि उसके लिए दस प्रस्तावक की जरूरत होती है। समय कम होने से उसका इंतजाम नहीं हो पाता। हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि जौनपुर में उनके चार लाख तक समर्थक हैं। ऐसे में दस प्रस्तावक जुटाना भी बड़ी बात नहीं थी। धनंजय ने यह भी दावा किया कि जिसे चाहेंगे वही सांसद बनेगा। अब लोगों की नजर इस बात पर है कि धनंजय सिंह किसे चाहते हैं।