Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Development Authority master plan for those who build houses on farm land house water and sewer tax will be collected

खेतों की जमीन पर मकान बनाकर रहे वालों को लेकर मास्टर प्लान, हाउस, वाटर और सीवर टैक्स की होगी वसूली

शहरों के बाहर गांवों में खेती की जमीन पर मकान बनाकर रहने वालों को अब अवैध कालोनी का दंश नहीं झेलना पाड़ेगा। इतना ही नहीं मास्टर प्लान में ऐसी कालोनियों को आबादी के रूप में चिह्नित किया जाएगा।

Dinesh Rathour विशेष संवाददाता, लखनऊSun, 23 June 2024 08:42 PM
share Share

शहरों के बाहर गांवों में खेती की जमीन पर मकान बनाकर रहने वालों को अब अवैध कालोनी का दंश नहीं झेलना पाड़ेगा। इतना ही नहीं मास्टर प्लान में ऐसी कालोनियों को आबादी के रूप में चिह्नित किया जाएगा। इन कालोनियों में विकास प्राधिकरण और नगर निगमों द्वारा संयुक्त रूप से विकास भी कराया जाएगा। इसके एवज में इनमें रहने वालों से हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स वसूला जाएगा। उच्च स्तर से मिले निर्देश के बाद आवास विभाग ने विकास प्राधिकरणों को ऐसी कालोनियों को आबादी के रूप में दर्ज करने का निर्देश देने जा रहा है।

शहर के बाहर तेजी से बढ़ी कालोनियां

विकास प्राधिकरणों के पास जमीन कम पड़ने की वजह से शहरी सीमा से सटे गांवों में तेजी से सोसायटियां बसी हैं। लोगों ने जरूरत के आधार पर इन गांवों में मकान बनवा लिए हैं। राज्य सरकार शहरों का दायरा बढ़ा रही है। इसके लिए प्रदेश के 59 शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। विकास प्राधिकरणों ने मास्टर प्लान का मसौदा तैयार कर लिया है। इन्हें अब अंतिम रूप देते हुए जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। मास्टर प्लान में नए शहरी क्षेत्रों का शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले दिनों मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण किया गया था। उन्होंने आवास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गांवों में आबादी वाली जमीनों को ग्रीन बेल्ट के रूप में न चिह्नित किया जाए। आबादी को आबादी के रूप में दर्शाते हुए वहां जरूरत के आधार पर विकास कार्य कराए जाएं।

शहरी सीमा में आए गांवों में बढ़ेंगी सुविधाएं

उच्च स्तर से मिले निर्देश के आधार पर शहरी सीमा में आए गांवों में सुविधाएं विकसित करने की योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। विकास प्राधिकरण और नगर निगम मिलकर काम करेंगे। नगर निगम सीवर, सड़क और जलापूर्ति की व्यवस्था कराएगा। विकास प्राधिकरण ऐसे क्षेत्रों में सुनियोजित विकास का मॉडल तैयार कराएंगे। आवास और नगर विकास विभाग मिलकर इसके लिए प्रारूप तैयार करेंगे। इसके आधार पर जमीनी स्तर पर काम शुरू किया जाएगा। शहरी सीमा में आने वाले आबादी क्षेत्रों से मौजूदा समय किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जा रहा है। विकास होने के बाद टैक्स लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें