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बवाल के बाद छावनी बना डीडीयू, कुलपति-रजिस्‍ट्रार से मारपीट में आठ गिरफ्तार, 22 पर मुकदमा दर्ज 

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में तोड़फोड़ और कुलपति और कुलसचिव के साथ मारपीट के मामले में शुक्रवार देर रात कैंट पुलिस ने आठ छात्रों समेत 22 आरोपियों पर केस दर्ज किया है।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, गोरखपुरSun, 23 July 2023 06:23 AM
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DDU News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में तोड़फोड़ और कुलपति और कुलसचिव के साथ मारपीट के मामले में शुक्रवार देर रात कैंट पुलिस ने आठ छात्रों समेत 22 आरोपियों पर केस दर्ज किया है। वहीं हिरासत में लिए गए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर शनिवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। उधर, घायल छात्र अर्पित कसौधन और कुलसचिव अजय सिंह को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

फीस वृद्धि के खिलाफ छात्र विद्यार्थी परिषद की अगुवाई में कुलपति कार्यालय पर चार दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार की शाम को प्रदर्शन उग्र हो गया और कार्यालय में तोड़फोड़ के साथ कुलपति प्रो. राजेश सिंह और कुलसचिव अजय सिंह के साथ मारपीट कर दी गई। पुलिस ने बल प्रयोग कर हालात काबू में करते हुए दस आरोपियों को मौके से हिरासत में ले लिया। कैंट थाने में देर रात तक छात्र समर्थक डटे रहे। रात में करीब डेढ़ बजे विवि के प्राक्टर डॉ. सत्यपाल सिंह की तहरीर पर पुलिस ने आठ छात्रों सहित 22 आरोपितों पर बलवा, मारपीट, बंधक बनाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया।

छावनी बना कैंपस
शनिवार को विश्वविद्यालय छावनी बना रहा। एडीएम सिटी व एसपी सिटी ने पुलिस फोर्स के साथ गश्त की। वहीं डीएम और एसएसपी ने कुलपति से मिलकर सुरक्षा के साथ ही अन्य बिंदुओं पर बात की। दोनों अधिकारियों ने हर संभव सुरक्षा और आरोपितों पर कार्रवाई का भरोसा दिया। परिसर और प्रशासनिक भवन पर फोर्स बढ़ा दी गई है। साथ ही 12 फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

बिना परिचय पत्र प्रवेश नहीं मिला डीडीयू के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मी पूरी तरह मुस्तैद दिखे। शिक्षकों-कर्मचारियों के अलावा हर आने-जाने वाले को जांच के दौर से गुजरना पड़ा। बिना पहचान पत्र, प्रवेश पत्र के किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। बिना आईकार्ड या उचित प्रमाण के पहुंचे तमाम छात्रों व अभिभावकों को निराश होकर लौटना पड़ा।

कार्रवाई में जुटा रहा विवि प्रशासन डीडीयू प्रशासन दिन भर छात्रों को चिह्नित कर कार्रवाई में जुटा रहा। बताते हैं कि कुलपति कार्यालय से लेकर प्रथम तल और ग्राउंड फ्लोर तक पर काम कर रहे सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से देखा जा रहा है। विभिन्न मीडिया पर प्रसारित वीडियो और फोटो से भी छात्रों को चिह्नित करने की कोशिश की जा रही है।

बेहोश होने पर छात्रों को पुलिस ने रात में छोड़ा
पुलिस ने हिरासत में लिए गए दस लोगों में से दो को रात में ही छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि एक के विश्वविद्यालय का छात्र न होने से और दूसरे को बेहोश होने की वजह से छोड़ा गया। बेहोश छात्र अर्पित कसौधन को बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। वहीं हिरासत से छोड़े गए दूसरे आरोपी का नाम दीपक पांडेय बताया जा रहा है। आरोप है कि बवाल के दौरान उस पर धारदार हथियार से हमला किया गया था। ज्यादा रक्तस्राव से उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने छोड़ दिया।

कुलपति की गर्दन जकड़ने वाला चिह्नित
डीडीयू प्रशासन के मुताबिक कुलपति प्रो. राजेश सिंह की गर्दन जकड़ने वाले लाल शर्ट पहने छात्र को चिह्नित कर लिया गया है। वह एलएलबी का छात्र है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे चिह्नित करने के बाद उसका नाम 23वें अभियुक्त के रूप में एफआईआर में जोड़वाने की तैयारी शुरू कर दी है। वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य को चिह्नित किया जा रहा है।

हत्या के इरादे से हमला किए जाने का लगाया आरोप
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि साजिश के तहत परिसर में तोड़फोड़ और मारपीट की गई है। धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बाहरी लोग उकसा रहे थे, जिसकी वजह से पुलिस के समझाने पर भी वे नहीं माने। मारपीट शुरू होने पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छिपकर अपनी जान बचाई, लेकिन कुलसचिव हाथ लग गए। हत्या करने के उद्देश्य से उन पर जानलेवा हमला किया गया।

ये हुए हैं गिरफ्तार
-शक्ति सिंह पुत्र नरसिंह बहादुर सिंह, निवासी पिपरा बांध, थाना मईल, जनपद देवरिया
-प्रिंस तिवारी पुत्र जितेन्द्र तिवारी, निवासी नारायणपुर, थाना पटहेरवा जनपद कुशीनगर
-शुभम गोविन्द राव पुत्र अजय गोविन्द राव, निवासी बरवां बाजार थाना रामकोला जनपद कुशीनगर, हाल मुकाम ए-3 यशोधरा कुंज, थाना रामगढ़ताल गोरखपुर
-शिवम पाण्डेय पुत्र यशवन्त पाण्डेय, निवासी ग्राम भुडवार थाना बनकटा देवरिया, हाल मुकाम जंगल सिकरी खोराबार थाना खोराबार, गोरखपुर
-आलोक गुप्ता पुत्र प्रदीप कुमार गुप्ता, निवासी 127/133 आर्यनगर दिलेजाकपुर थाना कोतवाली, जनपद गोरखपुर
-ऋषभ सिंह पुत्र राजेश सिंह, निवासी बरडीहा परशुराम, थाना लार, जनपद देवरिया
-मयंक राय पुत्र मृत्युंजन राय, निवासी पार्वती नगर, झारखण्डी मंदिर, थाना कैण्ट, जनपद गोरखपुर
-श्रवण कुमार मिश्र पुत्र भरत राम मिश्र, निवासी ग्राम बिसरापार, थाना खलीलाबाद कोतवाली, जनपद संतकबीरनगर

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
नामजद आरोपियों में विश्वविद्यालय छात्र संजीव त्रिपाठी, अर्पित कसौधन, पीयूष मिश्रा, दीपक कुमार, शक्ति प्रकाश सिंह, प्रिंस तिवारी, चंद्रपाल सिंह यादव, सूरज मौर्य उर्फ चंचल शामिल हैं। जबकि, हमले में शामिल बाहरी व्यक्तियों में आलोक गुप्ता, ऋृषभ सिंह, अंकित मिश्रा, शिवम पांडेय, शुभम राव, श्रवण कुमार, मयंक राय, प्रभात राय, अभिनव सिंह, ओंकार मिश्रा, अनुराग मिश्रा, दीपक पांडेय, सौरभ गौड़ और पीयूष सिंह शामिल हैं।

सीएम आज आएंगे, मांग सकते हैं डीडीयू की रिपोर्ट
गोरखपुर विवि में छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों के बीच हुई झड़प की रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ तलब कर सकते हैं। माना जा रहा है कि रविवार को गोरखपुर दौरे पर आ रहे सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को विवि में हुए घटनाक्रम पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर इसके बारे में बात भी कर सकते हैं। हालांकि इस सम्बंध में अधिकारियों का कहना है कि विवि से जुड़े लगभग सभी तथ्यों की जानकारी दे दी गई है। इस सम्बंध में रिपोर्ट सौंपने जैसी कोई बात फिलहाल नहीं है। दरअसल बीते कुछ दिनों से विवि में एबीवीपी के छात्र फीस वृद्धि के विरोध आंदोलन कर रहे थे। ये आंदोलन शनिवार को उग्र हो गया और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। घटना में मारपीट का वीडियो इस कदर वायरल हुआ कि गोरखपुर विश्वविद्यालय ट्विटर पर चौथे नंबर पर ट्रेंड करता रहा। देखते ही देखते पूरे देश में वीडियो वायरल हो गया।

इस वजह से निशाने पर थे रजिस्‍ट्रार? 
डीडीयू के कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. अजय सिंह के पास करीब दर्जन भर प्रशासनिक पद हैं। इनमें ज्यादातर का सीधा सम्बंध छात्रों से है। माना जा रहा है कि उन पर हमले का सबसे बड़ा कारण यही है। डीडीयू में कार्यवाहक कुलसचिव की भूमिका निभा रहे प्रो. अजय सिंह के पास कुलपति की अनुपस्थिति में कुलपति का भी प्रभार होता है। इसके अलावा वित्त अधिकारी की अनुपस्थिति में भी वे प्रभारी वित्त अधिकारी की भूमिका में होते हैं। दो साल पहले भी लंबे समय तक प्रो. अजय सिंह कुलसचिव की भूमिका में थे। डीडीयू में चर्चा है कि छात्रों की कई समस्याएं हैं। लेकिन कई प्रमुख प्रशासनिक पद होने के कारण वे सभी पदों के साथ समान रूप से न्याय नहीं कर पा रहे थे। छात्रों के बीच इस बात को लेकर भी असंतोष था।

ये पद अजय सिंह के पास
कुलसचिव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, अधिष्ठाता कृषि संकाय, निदेशक आईक्यूएसी, निदेशक इन्क्यूबेशन, विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस, नोडल अधिकारी पूर्वांचल विकास बोर्ड, समन्वयक रेट, समन्वयक रोस्टर समिति।

मेडिको लीगल कराने के प्रयास में भटकते रहे घायल छात्र

डीडीयू में शुक्रवार को हुए विवाद में घायल विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता भी अपना मेडिकोलीगल कराना चाहते हैं। एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के जरिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों में संपर्क भी किया। उधर, पुलिस और प्रशासन ने स्वास्थ्य महकमे पर प्राइवेट मेडिकोलीगल न करने का दबाव बनाए रखा। इसके कारण छात्र शनिवार को एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी तक चक्कर काटते रहे। इनमें अर्पित और दीपक भी शामिल रहे। कुछ छात्रों ने सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे से भी मुलाकात की। सीएमओ ने छात्रों के पत्र पर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को प्रेषित कर दिया। फिर भी नतीजा सिफर रहा। छात्रों की चोट को एक्सीडेंटल रजिस्टर में दर्ज कर उन्हें टरका दिया गया।

पुलिस लाइन में हुआ छात्रों का मेडिकल चेकअप 
शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार आठ छात्रों को अदालत में पेश किया। इससे पूर्व छात्रों का पुलिस लाइन में मेडिकल चेकअप कराया गया। बताया जाता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को फोन कर डॉक्टरों की टीम पुलिस लाइन भेजने के लिए कहा।

मेडिकल कॉलेज से घायल छात्र डिस्‍चार्ज
मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज शुक्रवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में पुलिस और छात्रों के बीच टकराव में दो छात्र भी घायल हुए थे। उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था, जहां से शनिवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। उधर, शुक्रवार को कुलपति कार्यालय पर हुए टकराव में पुलिसकर्मियों ने कुछ छात्रों की जमकर पिटाई कर दी थी। इस घटना में अर्पित कसौधन और दीपक पांडेय घायल हो गए। उनकी तबीयत बिगड़ने पर आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। पहले ट्रॉमा सेंटर फिर मेडिसिन वार्ड में इलाज चला है। शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस घटना में दीपक पांडेय भी घायल हुए। आरोप है कि पुलिस द्वारा लाठी चटकाने के दौरान घायल हुए। उन्हें भी सहपाठी लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। जहां ट्रामा सेंटर प्राथमिक उपचार किया गया। बाद में डिस्चार्ज कर दिया गया।

कुलसचिव और पुलिस ने कराया मेडिको लीगल
शनिवार की शाम को पुलिस विवि के कुलसचिव प्रो. अजय सिंह को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। पुलिस सुरक्षा में डॉक्टरों ने इमरजेंसी में मेडिकल जांच की। जांच के दौरान शरीर पर चोट के निशान मिले। छह पुलिसकर्मियों ने जिला अस्पताल में मेडिकोलीगल कराया है। इसमें पांच सिपाही और एक दरोगा शामिल हैं। मेडिकल जांच कराने वालों में शुभम कुमार, रमेश चंद कुशवाहा, अमित चौधरी, सुधांशु सिंह, अभिजीत कुमार, शालिनी देवी शामिल हैं।

छात्रों के चेहरे पर झलका जेल जाने का दर्द
डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह और कुलसचिव प्रो. अजय सिंह पर हमले के आरोप में जेल भेजे गए विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के चेहरे पर इसका दर्द साफ झलक रहा था। आठों कार्यकर्ताओं को मिलेनियम बैरक में रखा गया है। शनिवार की शाम करीब 725 बजे पुलिस वाहन से उन्हें जेल पहुंचाया गया। साथियों के शुक्रवार की शाम हिरासत में लिए जाने के बाद से ही विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारी रात भर कैंट थाने पर जमे रहे। शनिवार को भी दूर से ही सही साथियों को नैतिक बल देते रहे।

एसएसपी बोले
एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने बताया कि 22 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है। वीडियो फुटेज, साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। कुलपति से मिलकर सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई है। सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जा रही है।

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