Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Controversy over Mulayam Singh Yadav famous statement opponents did not leave a chance to surround

मुलायम सिंह यादव के चर्चित बयान जिन पर हुआ विवाद, विरोधियों ने नहीं छोड़ा घेरने का मौका

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। अपने लंबे सियासी सफर में तमाम संघर्षों के बीच मुलायम सिंह यादव के कई ऐसे बयान भी आए जो खासे चर्चा में रहे।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 10 Oct 2022 04:32 PM
share Share

सपा संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। अपने लंबे सियासी सफर में तमाम संघर्षों के बीच मुलायम सिंह यादव के कई ऐसे बयान भी आए जो खासे चर्चा में रहे। उन पर विवाद हुआ और विरोधियों ने उसके आधार पर मुलायम को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।

परिंदा पर नहीं मार सकता 
यह मुलायम का सर्वाधिक चर्चित बयान है जब उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या के रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद के विवादित परिसर की सुरक्षा का दावा करते हुए दिया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या की इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था है, कोई वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। उस वक्त भगवा खेमे ने इस बयान को चुनौती के रूप में लिया और दावा किया जाता है  कि 6 दिसंबर की घटना होने में कारसेवकों को उद्देलित करने में इस बयान ने भी भूमिका निभाई। 

गोली चलाने का अफसोस 

30 अक्तूबर , 1990 को मुलायम ने मुख्यमंत्री रहते अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश दिया था। इसमें कई कारसेवकों की मृत्यु हो गई थी। देश भर में इसकी चर्चा हुई। बरसो बाद मुलायम ने साल 2013 में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें गोली चलवाने का अफसोस है लेकिन उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री के कर्तव्य का पालन किया था।

लड़के हैं गलती हो जाती है
बलात्कार के मामले के संदर्भ में मुलायम ने कहा कि ऐसे में मामलो में फांसी की सजा देना ठीक नहीं है। लड़के हैं, लड़कों  से गलती हो जाती है। एक अन्य मौके पर मुलायम ने कहा था कि एक स्त्री के साथ चार युवक दुष्कर्म नहीं कर सकते। उनके इन बयान की खासी आलोचना भी हुई। विपक्षी दलों ने उन्हें खूब आड़े हाथो लिया। 

पार्टी में कुछ लोग गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं
अखिलेश के मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने अपनी ही पार्टी के कुछ क्षत्रपों पर निशाना साधते हुए कहा था कि  पार्टी में कुछ लोग गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं,यह अच्छी बात नहीं है। एक मौके कहा था कि उनकी न कोई सुनता है न कोई सम्मान करता है।


 

अगला लेखऐप पर पढ़ें