फॉलोअप बहरिया, हिन्दुस्तान संवाद। बीते 30 जुलाई को हुए आठ कमरे के विवाद
Bonus share: फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की एक स्मॉल-कैप कंपनी शुक्रा फार्मास्यूटिकल्स के शेयर (Shukra Pharmaceuticals share) इन दिनों फोकस में हैं। कंपनी के शेयर आज मंगलवार को 1.99 पर्सेंट तक चढ़कर 313.40 रुपये पर बंद हुए हैं।
इकरा-मुलायम की कहानी यूं तो पिछले साल की है पर चर्चा में इस साल जनवरी में तब आई जब दोनों पकड़े गए। सीमा हैदर और सचिन पबजी तो इकरा और मुलायम ऑनलाइन लूडो खेलते हुए एक दूजे को दिल दे बैठे थे।
बिहार के पर्यावरण मंत्री और लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप को सपने में मुलायम के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण दिखे। जो अपने भव्य रूप में थे। जिसके बाद उनकी नींद खुल गई। तेज प्रताप ने वीडियो शेयर किया है।
मुलायम सिंह यादव का नाम समाजवादी राजनीति और पिछड़ों एवं वंचितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए जाना जाता है। यूपी में उनकी सियासत को सामाजिक न्याय की राजनीति के उभार के तौर पर देखा जाता है।
सैफई की परंपरा को निभाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं करने का फैसला लिया है। इसके बाद भी उनकी तेरहवीं पर भंडारे के लिए चंदा वसूली का मामला सामने आया है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मोक्ष प्राप्ति के लिए शुक्रवार को सैफई में उनके पैतृक आवास परिसर पर शांति हवन का आयोजन होगा। कार्यक्रम की तैयारियां गुरुवार से ही शुरू हो गई हैं।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके छोटे बेटे प्रतीक यादव की पहली बार सियासत को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रतीक यादव बुधवार को प्रयागराज में मुलायम सिंह की अस्थियों का विसर्जन करने पहुंचे थे।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अस्थियां हरिद्वार के बाद अब अब प्रयागराज के संगम में प्रवाहित की जाएंगी। अखिलेश यादव बुधवार को अस्थि कलश लेकर प्रयागराज जाएंगे। इस दौरान पूरा परिवार साथ रहेगा।
मैनपुरी लोकसभा सीट लंबे समय से मुलायम परिवार के पास रही है। मुलायम सिंह यादव के निधन से न सिर्फ मैनपुरी सीट खाली हो गई है बल्कि लोकसभा में यादव परिवार का प्रतिनिधित्व भी खत्म हो गया है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी। बेटे अखिलेश यादव ने सैफई की परंपरा को निभाने का फैसला लिया है। अब 11वें दिन केवल हवन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा।
मुलायम सिंह के निधन की खबर पर महाराजगंज का एक नन्हा समर्थक अकेले ही सैफई के लिए रवाना हो गया। महाराजगंज से गोरखपुर पहुंचा और वहां से ट्रेन से लखनऊ आ गया। वहां से इटावा भी पहुंचा और भटक गया।
मुलायम के निधन से लोकसभा में अब सैफई के यादव परिवार से कोई सदस्य नहीं रह गया है। राष्ट्रीय राजनीति में सपा की धाक के लिए यादव परिवार से ही किसी को मैनपुरी उपचुनाव लड़ाने की संभावना जताई जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गुरुवार को समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने सैफई पहुंचे। यहां मुलायम की तस्वीर के सामने आते ही उनकी आंखें नम हो गईं। करीब बीस मिनट यहां रुके।
लाल टोपी से मुलायम सिंह यादव का साथ मौत भी नहीं छुड़ा सकी। गुरुग्राम के मेदांत अस्पताल में अंतिम सांस लेने से लेकर सैफई के मेला ग्राउंड में पंचतत्व में विलीन होने तक मुलायम लाल टोपी में ही दिखाई दिए।
यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो गए। सैफई में मेला ग्राउंड पर उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मुलायम सिंह यादव को श्रद्धाजंलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है। एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके हैं। सभी अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए इतने उतावले हैं कि एक-दूसरे को धकेलकर आगे बढ़ने की होड़ मची हैं
लायम सिंह यादव को याद करते ही महोना विधानसभा (अब बीकेटी) से दो बार विधायक रहे राजेन्द्र यादव की आंखे डबडबा जाती हैं। भरे गले से बोले नेता जी गरीबों के नेता थे।
मुलायम सिंह यादव की अंतिम विदाई की बेला पर पूरा सैफई बिलख रहा है। सोमवार की शाम से बिना खाए पिए लोग अपने नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए कोठी के बाहर टकटकी लगाए जुटे हैं।
चंद्रशेखर की नाराजगी मोल लेकर वीपी सिंह को समर्थन देना हो या फिर न्यूक्लियर डील में फंसी कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को बचाने के लिए समर्थन देना हो, मुलायम राजनीतिक अखाड़े के एक कुशल पहलवान थे।
परिवार को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले मुलायम सिंह यादव के सदा के लिए विदा लेने से दुखी परिजन दिन भर खुद को किसी तरह संभालते रहे। लेकिन देर रात दर्द फूट पड़ा और डिंपल-धर्मेंद्र बिलख पड़े।
सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सैफई पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। पीएम मोदी मंगलवार की सुबह मुलायम का अंतिम दर्शन करने पहुंचेंगे।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से सोमवार की शाम अपने गांव सैफई पहुंच गया। मंगलवार को यहीं अंतिम संस्कार होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से सैफई के लिए निकली एम्बुलेंस में मथुरा में खराबी आ गई। एम्बुलेंस से धुआं निकलता देख उसे रोकना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। अपने लंबे सियासी सफर में तमाम संघर्षों के बीच मुलायम सिंह यादव के कई ऐसे बयान भी आए जो खासे चर्चा में रहे।
इटावा के छोटे से गांव सैफई के गरीब परिवार में जन्मे मुलायम सिंह यादव ने अपनी काबिलियत के बल पर छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री तक की कुर्सी हासिल की। मोदी लहर में भी जलवा दिखाया।
Mulayam Singh Yadav passes away : मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। मुलायम सिंह कर्मचारियों के आवाज थे। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कर्मचारी हित में कई बड़े फैसले लिए।
गेस्ट हाउस कांड के बाद एक बार फ्लाइट में अचानक मुलायम और मायावती का आमना सामना हो गया। सीट भी दोनों को आसपास की ही मिली थी। इससे दोनों नेताओं के सुरक्षा अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना से पैतृक गांव सैफई अवाक रह गया। अपनों के आंसू पोछने वाले मुलायम के न रहने पर सैफई मौन सा हो गया।
मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर सीट से जनता दल के प्रत्याशी बनकर चुनावी मैदान में थे। विरोधियों ने उन्हें पटखनी देने के लिए अजीब तरकीब निकाली। मुलायम नाम के एक अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया था।