Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Choti Kashi Gola gokarannath has statue Sun God established during Ramayana period people come from far and wide to see it

Hindustan Special: छोटी काशी गोला में है रामायण काल में स्थापित सूर्यदेव की प्रतिमा, दूर-दूर से दर्शन को आते हैं लोग

भगवान शिव की नगरी कही जाने वाली छोटी काशी गोला का रामायण काल से भी जुड़ाव है। यहां रामायण काल में स्थापित की गई भगवान सूर्य की प्रतिमा है। मान्यता है कि अयोध्या के सूर्यवंशी राजाओं ने इसे स्थापित....

Dinesh Rathour मयंक वाजपेयी, लखीमपुर।Fri, 2 Aug 2024 11:19 AM
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भगवान शिव की नगरी कही जाने वाली छोटी काशी गोला का रामायण काल से भी जुड़ाव है। यहां रामायण काल में स्थापित की गई भगवान सूर्य की प्रतिमा है। मान्यता है कि अयोध्या के सूर्यवंशी राजाओं ने इसे स्थापित किया था। कुछ लोग इसे लक्ष्मण जी द्वारा स्थापित बताते हैं। सूर्य देव की प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।  सूर्य देव की प्रतिमा या मंदिर बहुत कम स्थान पर है। जिला खीरी का गोला गोकर्णनाथ इनमें से एक स्थान है। यहां एक प्राचीन मंदिर में सूर्य देव की प्रतिमा है, जिसका जुड़ाव रामायण काल से बताया जाता है। इस मंदिर और प्रतिमा की स्थापना किसने की इस पर अलग-अलग राय है।

कुछ लोगों को कहना है कि अयोध्या के सूर्यवंशी राजाओं ने यहां के वन क्षेत्र में इस प्रतिमा की स्थापना की थी। वहीं, तमाम लोग यह भी दावा करते हैं कि प्रतिमा की स्थापना लक्ष्मण जी ने उस समय की थी जब वह माता सीता को जंगल में छोड़कर लौट रहे थे। छोटी काशी के इतिहास पर शोध पत्र लिखने वाले लोकेश गुप्ता दावा करते हैं कि लक्ष्मण जी ने ही निर्जन स्थान पर अपने पूर्वज भगवान सूर्य देव की सुंदर पत्थर की प्रतिमा स्थापित की थी।

बेहद मनोहारी है प्रतिमा का शिल्प

भगवान सूर्य देव की प्रतिमा टीले का शिल्प अद्भुत और मनोहारी है। प्रतिमा में सूर्य देव के साथ संज्ञा और छाया, उषा, प्रत्यूषा, दंड और पिंगल की आकृतियां भी उत्कीर्ण हैं। भगवान सूर्य देव को नारंगी वस्त्र प्रिय हैं। इसलिए श्रृद्धालु प्रतिमा पर नारंगी चोला चढ़ाते हैं। यहां अक्सर लोग अपने ग्रह नक्षत्र के विकार को दूर करने के लिए पूजन करते हैं और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए अलग तरह की उपासना करते हैं।
 
शिव आराधना के लिए प्रख्यात है यह क्षेत्र

यह मन्दिर भले ही सूर्य देव की उपासना के लिए जाना जाता हो ,लेकिन यह पूरा क्षेत्र भगवान शिव की आराधना के लिए प्रख्यात है। छोटी काशी गोला की स्थापना का जुड़ाव रामायण काल से बताया जाता है। कहा जाता है, एक बार रावण भगवान शंकर को प्रसन्न करके अपने साथ लंका ले जा रहा था। इस दौरान भगवान ने गोला गोकर्णनाथ में अपना वास बनाने का निर्णय किया। रावण का अहंकार चूर कर वह यहीं के वासी हो गए। तब से हर सावन माह में लाखों लोग भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए यहां उमड़ते हैं।

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