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CAA: सड़क किनारे पोस्टर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट गंभीर, आज होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में सीएए के विरोध के दौरान पिछले दिनों हिंसक झड़प के बाद आरोपियों की फोटो व पोस्टर सड़क किनारे लगाने की घटना को गंभीरता से लिया है। आज छुट्टी के दिन इस मामले की सुनवाई...

Madan Tiwari प्रयागराज, विधि संवाददाता, Sun, 8 March 2020 08:02 AM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में सीएए के विरोध के दौरान पिछले दिनों हिंसक झड़प के बाद आरोपियों की फोटो व पोस्टर सड़क किनारे लगाने की घटना को गंभीरता से लिया है। आज छुट्टी के दिन इस मामले की सुनवाई होगी।

चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर लखनऊ के डीएम व डिवीजनल पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि कानून के किस प्रावधान के तहत लखनऊ में इस प्रकार के पोस्टर सड़क पर लगाए गए। 

कोर्ट ने कहा है कि पोस्टरों में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि ये पोस्टर किस कानून के तहत लगाए गए हैं। हाईकोर्ट का मानना है कि पब्लिक प्लेस पर संबंधित व्यक्ति की अनुमति बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है और यह राइट टू प्राइवेसी (निजता के अधिकार) का उल्लंघन है।

— ANI UP (@ANINewsUP) March 8, 2020

बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा के आरोपियों की फोटो वाली होर्डिंग लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर लगाई गई है। इनमे सार्वजनिक और निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान का विवरण है। साथ ही लिखा है कि सभी से नुकसान की भरपाई की जाएगी।

30 दिन में जमा करनी होगी धनराशि

डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि यह भी लिखा गया है कि मजिस्ट्रेट की कोर्ट से आदेश जारी होने के 30 दिनों में हिंसा के दोषी पाए गए लोगों ने धनराशि जमा नही की तो उनकी संपत्तियां कुर्क कर इसकी वसूली की जाएगी। ऐसी होर्डिंगे उन सभी थाना क्षेत्रों में लगाई जाएंगी जहां जहां हिंसा हुई थी।

बीती 19 दिसम्बर को राजधानी में सीएए के विरोध में 10 हजार लोग सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई थी। आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के आधार पर शहर के तीन क्षेत्रो की कोर्ट से अलग अलग निर्णय सुनाया गया। खदरा और डालीगंज में हुई हिंसा पर एडीएम टीजी, हजरतगंज और परिवर्तन चौक पर एडीएम सिटी पूर्वी, कैसरबाग और ठाकुरगंज में हुई हिंसा पर दर्ज मुकदमों के बारे में एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से फैसला सुनाया जा चुका है।

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