पहाड़ों पर बारिश से गंगा में उफान, एक ही दिन में छह फीट बढ़ा जलस्तर, तटवर्ती इलाकों में खलबली
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से गंगा के जलस्तर में 6 फीट बढ़ोतरी होने से गंगा नगर के समस्त घाटों पर सटकर बह रही है। गंगाजल का स्तर एक साथ छह फुट बढ़ जाने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से गंगा के जलस्तर में 6 फीट बढ़ोतरी होने से गंगा नगर के समस्त घाटों पर सटकर बह रही है। सोमवार को गंगाजल का स्तर एक साथ छह फुट बढ़ जाने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है। इसी गति से जल बढ़ा तो एक-दो दिन में ही प्रशासन को गंगा तटीय क्षेत्रों में रेड अलर्ट करने की नौबत आ जाएगी। गंगा व घाट के मध्य निकला बालू के टापू का अधिकांश भाग डूब गया है। गंगा की धार न होने से गंगा किनारे दुकान करने वाले दुकानदार, कचौड़ी वाले, पंडा, पुरोहित आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। सात माह बाद गंगा की धारा आने से सभी के चेहरों पर खुशी दिखी है।
गंगा जल की स्थिति साफ न होने से प्रशासन भी शिवरात्रि मेला की व्यवस्थाओं को लेकर असमंजस में था। किंतु अब गंगा जल घाट पर आ जाने से आगामी माह में होने वाले शिवरात्रि पर्व का मेला भी जाहन्वी तट पर ही लगेगा। गंगा की धारा घाट पर आने की चर्चा पूरे नगर में तेजी के साथ फैल जाने के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने घाट पर जाकर गंगा के दर्शन कर नमन किया।
अब नगर के पक्के घाट, लाल महादेव, दिनेश, शिवस्वरूप त्रिवेणी शंकर, परशुराम घाट पर भी स्नान किया जा सकेगा। एसडीएम नवीन कुमार ने तहसील क्षेत्र के गंगा किनारे बसे गांवों लेखपालों को निर्देशित किया है कि वह ग्रामीणों को बाढ़ के दौरान सावधान रहने की चेतावनी दें, जिससे किसी प्रकार की अनहोनी न हो सके।
गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी, किनारों की तरफ रुख
अहार क्षेत्र में रविवार की देर रात से गंगा के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हो गयी है, खादर क्षेत्र में खड़ी फसलों तक बाढ़ का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश का असर गंगा के जलस्तर पर पड़ना शुरु हो गया है। रविवार देर रात से गंगा के जलस्तर में तीन फिट जलस्तर बढ़ गया है, जिससे गंगा ने बाढ़ का रूप ले लिया है।
बाढ़ का पानी किनारों को और रुख कर गया है। गंगा के बीच में बने टापू गंगा की धारा में समा गये हैं। गंगा खादर क्षेत्र को अपने आगोश में लेती हुयी बढ़ रही है। बाढ़ के पानी मे जलकुंभी के साथ साथ हरे भरे पेड़ भी बहते आ रहे है। खादर क्षेत्र में पलेजियो द्वारा लगाई गयी पलेजो तक भी पानी पहुंचना शुरू हो गया है।
जलस्तर बढ़ जाने से सिद्ध बाबा गंगा घाट व अवंतिका देवी गंगा घाट पर लगने वाली प्रसाद की दुकान भी पीछे हटा ली गयी है। वहीं अवंतिका देवी गंगा घाट पर बने पेंटून पुल को भी पुल कर्मी खोलकर उसके पीपों को सुरक्षित स्थान पर लगा रहे है।
गंगा किनारे जलस्तर बढ़ने से तख्त हटाए
राजघाट में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर पंडा, पुरोहितों और दुकानदारों में खलबली मच गई। गंगा किनारे दुकानदार अपने तख्त और दुकानें हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले गए। गंगा में पहली बार बढे जल से जलकुंभी और लता पत्तों और पौधों से नदी में उथल पुथल हो गई।
गंगा में जलस्तर बढ़ने से नरौरा बैराज से निकली समानांतर लोअर गंग नहर भी चालू हो गई है। अभी और जल स्तर बढ़ने की संभावना है। सिंचाई विभाग के एसडीओ अंकित सिंह ने बताया की गंगा नदी में सोमवार को जलस्तर बढ़ने से नरौरा बैराज के डाउनस्ट्रीम में 48,653 क्यूसेक प्रति सेकंड जल की निकासी की जा रही है। जबकि बैराज पर गंगा में कुल 60,195 क्यूसेक प्रति सेकंड की दर से पानी की आवक है। बैराज से निकलीं समानांतर निचली गंग नहर में 3364 क्यूसेक प्रति सेकंड और लोअर गंग नहर में 7627 क्यूसेक प्रति सेकंड पानी छोड़ा जा रहा है।
फिलहाल गंगा सामान्य फ्लड स्तर पर है। एसडीओ अंकित सिंह बताया कि इस सीजन में पहली बार गंगा में जलस्तर बढ़ा है। रविवार को नरौरा बैराज पर कुल 12979 क्यूसेक प्रति सेकंड चल रहा था। गंगा के समस्त बंध चाक चौबंद है। बैराज पर स्टाफ गंगा के जलस्तर पर निगरानी रखे है। हरिद्वार और बिजनौर मिली सूचना के अनुसार अभी गंगा में और जलस्तर बढ़ने की संभावना है।