हमसे दूसरा कैंडिडेट खोजने को कहा...श्रीकला का टिकट कटने के बाद धनंजय के वार पर बसपा का पलटवार; क्या बोले खरवार
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा है कि उनके साथ तीसरी बार धोखा हुआ है। वह और उनके समर्थक इससे आहत हैं। उधर, वाराणसी मंडल के कोआर्डिनेटर पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार ने धनंजय के आरोप को निराधार बताया।
Dhananjay Singh News: यूपी के बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा का टिकट क्यों कटा इसे लेकर अब वार-पलटवार शुरू हो गया है। पत्नी का टिकट कटने के बाद पूर्व सांसद ने कहा है कि उनके साथ तीसरी बार धोखा हुआ है। वह और उनके समर्थक इससे आहत हैं। उधर, वाराणसी मंडल के कॉर्डिनेटर पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार ने धनंजय के आरोप को निराधार और असत्य बताते हुए कहा कि रात 11.30 बजे धनंजय सिंह ने फोन करके कहा मेरी पत्नी चुनाव नहीं लड़ पाएगी, आप दूसरा कैंडिडेट खोज लीजिए। यह कहकर उन्होंने फोन काट दिया।
पत्नी का टिकट कटने के बाद एक निजी चैनल से बात करते हुए धनंजय सिंह ने कहा, 'खरवार जी झूठ बोल रहे हैं। अपनी पार्टी को डिफेंड करने के लिए वह हम पर आरोप लगा रहे हैं। हमारी आज तक उनसे फोन पर कोई बात नहीं हुई। हमको कल जब जानकारी मिली थी तो मैं उल्टा इन लोगों को बुलाया था। कल कार्यालय के उद्घाटन में रहे। मैंने कहा कि प्रेस में बोलिए। रोज अफवाहें चल रही थीं। इस बीच अमेठी, आजमगढ़ और बनारस में टिकट कट गया था। मुझे लगा कि कई जगह टिकट कट रहे हैं। मुझे लगा कि कहीं यहां भी हो सकता है कि कट जाए। खरवार जी ने और कितनी जगह जाकर टिकट कटने की जानकारी दी है। आज ही बस्ती में टिकट कटा है। इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। आप अपनी पार्टी को डिफेंड करिए। आपकी पार्टी की पॉलिसी रही है। हम लोग बसपा में लंबे समय से रहे हैं। टिकट यहां रोज दिए जाते हैं, बदल दिए जाते रहे हैं। यह आज की परंपरा नहीं है। हम लोग लगातार देख रहे हैं। इसीलिए बसपा का धीरे-धीरे क्षरण हुआ है। इतने ईमानदार वोटर, कार्यकर्ता होने के बावजूद भी आज मेन स्ट्रीम से बसपा गायब है, सिर्फ इसी वजह से कि टिकट आए दिन बदल दिए जाते हैं।'
धनंजय सिंह ने कहा कि जो हुआ उससे श्रीकला जी आहत हैं। टिकट मांगने न मैं गया था न किसी से बात हुई थी। टिकट देने आप आए थे श्रीकला जी के पास। हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। आसान पाए हैं। तीन-तीन बार मुझे पहले धोखा दिए। 2007, 2012, 2017 में। एक बार फिर ब्लेम गेम न खेलिए। आप रोज इसी तरह टिकट बदलते रहते हैं। इसी वजह से आपके दल के ऊपर तमाम सवाल खड़े हो गए और यहां भी खड़े हो रहे हैं।
दबाव की बात पर धनंजय सिंह ने कहा कि हम बीएसपी में रहे हैं। 2002 में जब हम निर्दलीय विधायक थे। बहन जी मुख्यमंत्री थीं। हमने समर्थन वापस लिया। एक साल तक जेल में रहे। मेरी माताजी का निधन हो गया था। क्या हमने समझौता कर लिया था? सरकारों से हम लोग डरते नहीं हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में धनंजय सिंह ने कहा कि मैं पत्नी को निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ाऊंगा। उन्होंने कहा कि हमारे लोग हमारे साथ ही रहेंगे। आगे क्या करना है इसका निर्णय एक-दो दिन में लिया जाएगा।
उधरृ बसपा के कोआर्डिंनेटर और पूर्व सांसद घनश्याम खरवार ने कहा कि धनंजय सिंह के आरोप असत्य हैं। कल उनके कार्यालय का मैंने उद्घाटन किया। हमने प्रेस से पूरी मजबूती से कहा कि श्रीमती श्रीकला का टिकट फाइनल है। जिस तरह की अफवाहें थीं, हमने उनसे करीब डेढ़ घंटे तक बात की। हमने बल्कि उनसे यह कहा भी कि आप पर कहीं कोई दबाव तो नहीं है। आप कहीं चुनाव में बैठ तो नहीं जाएंगे। कहीं पर्चा वापस तो नहीं ले लेंगे। उनकी पत्नी भी मौजूद थीं। दोनों ने कहा कि हम अपने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर कसम खाते हैं कि किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे और चुनाव लड़ेंगे लेकिन कल ही रात में 11:30 बजे धनंजय सिंह का फोन बसपा के मंडल कोआर्डिंनेटर रामचंद्र गौतम के पास आया। उन्होंने कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पर्चा वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर परिवार के लोगों का प्रेशर है। इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।
घनश्याम खरवार ने कहा कि बसपा से श्रीकला जी का टिकट फाइनल था। जब उन्होंने मना किया तब ही हम लोगों ने नया उम्मीदवार घोषित किया। उन्होंने कहा कि एक मई को श्रीकला जी का नामांकन हुआ था। पांच मई की रात तक हम उनके कार्यालय का उद्घाटन कर रहे थे। शाम साढ़े आठ बजे तक सारे कार्यकर्ता पदाधिकारी लगे थे और साढ़े 11 बजे इस तरह से फोन करना कुछ न कुछ दबाव का संकेत देता है।