Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़bjp presents a cut of akhilesh yadav s pda formula in rajya sabha elections obc candidates on 4 out of 7 seats

बीजेपी ने राज्‍यसभा चुनाव में पेश की अखिलेश के पीडीए फॉमूले की काट, 7 में से 4 सीटों पर ओबीसी उम्‍मीदवार 

भाजपा ने यूपी में ओबीसी एजेंडे पर मजबूत कदम बढ़ा दिया है। भाजपा द्वारा घोषित राज्यसभा प्रत्याशियों पर पार्टी के इस एजेंडे की झलक साफ दिखी। घोषित 7 प्रत्याशियों में से 4 ओबीसी कोटे से हैं।

Ajay Singh विशेष संवाददाता, लखनऊMon, 12 Feb 2024 07:07 AM
share Share

Rajya Sabha Election 2024: अगले लोकसभा चुनाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्‍पसंख्‍यक) के जरिए बीजेपी को हराने का दावा कर रहे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के फॉमूले की काट बीजेपी ने राज्‍यसभा चुनाव में दिखाई है। पिछड़े वोट बैंक को लेकर जब देशव्यापी बहस छिड़ी है, तब भाजपा ने यूपी में ओबीसी एजेंडे पर मजबूत कदम बढ़ा दिया है। भाजपा द्वारा घोषित राज्यसभा प्रत्याशियों पर पार्टी के इस एजेंडे की झलक साफ दिखी। घोषित सात प्रत्याशियों में से चार ओबीसी कोटे से हैं। दो महिला प्रत्याशी उतारकर पार्टी ने आधी आबादी के अपने कोर वोट बैंक को भी साधा है। जातीय समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन भी साधने का प्रयास किया गया है।

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चौंकाने वाले फैसलों के लिए ही जाना जाता है। एक बार फिर राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा में पार्टी ने कई नामों को लेकर चौंकाया है। पार्टी ने जहां कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए पूर्व कांग्रेसी दिग्गज आरपीएन सिंह पर दांव लगाया है। आरपीएन सेंथवार हैं और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा की सूची में दूसरा ओबीसी नाम भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य का है। वे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेहद करीबी माने जाते हैं। साथ ही पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और मौजूदा महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह का भी उन्हें आर्शीवाद प्राप्त है।

तीसरा नाम पूर्व मंत्री डा. संगीता बलवंत बिंद का है। गाजीपुर क्षेत्र भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है और संगीता 2017 में गाजीपुर सदर क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं। पिछड़ी बिंद जाति से आने वाली संगीता योगी सरकार के पहले कार्यकाल में सहकारिता राज्यमंत्री रही हैं। 2022 का विधानसभा चुनाव वे हार गई थीं। उनके जरिए पूर्वांचल के निषाद मतदाताओं को संदेश देने का प्रयास किया गया है।

चौथा ओबीसी चेहरा चौधरी तेजवीर सिंह हैं। मथुरा से तीन बार सांसद रहे तेजवीर सिंह का पीसीएफ के चेयरमैन का कार्यकाल भी हाल ही में खत्म हुआ है। उनके जरिए ब्रज क्षेत्र के जाटों को साधने का प्रयास किया गया है।

पिछड़ों के साथ अगड़ों को भी साधा

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को ही राज्यसभा के लिए ब्राह्मण चेहरे के रूप में दोबारा टिकट दिया गया है। तेजतर्रार सुधांशु को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का भी करीबी माना जाता है। चंदौली के मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक साधना सिंह क्षत्रिय समाज से आती हैं। वे 2017 में विधायक बनी थीं। मगर 2022 में उनका टिकट कट गया था। संगठन के बैकग्राउंड से आने वाली साधना की गिनती तेजतर्रार महिला नेत्रियों में होती है जबकि आगरा के पूर्व महापौर और पार्टी के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष नवीन जैन के जरिए वैश्य और व्यापारी वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है। नवीन जैन पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ ही पीएनसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक हैं।

नए चेहरों के साथ भाजपा ने साधे समीकरण
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भाजपा नेतृत्व ने राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित पहली सूची में नए चेहरों पर दांव लगा कर साफ कर दिया है कि पार्टी बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रही है। 14 उम्मीदवारों की सूची में 13 नए चेहरे हैं । बिहार और उत्तराखंड में भी चेहरे बदल दिए गए हैं।

उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्र, जाति और सामाजिक समीकरण भी साधे गए हैं। पार्टी नेतृत्व ने जिन 14 उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें बिहार में वैश्य समुदाय से आने वाली धर्मशिला गुप्ता और अति पिछड़ा वर्ग के डॉक्टर भीम सिंह के नाम शामिल हैं। यहां से पार्टी के यही दो उम्मीदवार चुनकर आने हैं।

हरियाणा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को राज्य सभा में लाकर उसने जाट समुदाय को भी साधने की कोशिश की है। छत्तीसगढ़ में राजा देवेंद्र प्रताप सिंह और कर्नाटक में नारायणा कृष्णासा भांडगे को टिकट दिया गया है। पश्चिम बंगाल से पार्टी ने मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य को टिकट दिया है। उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा में लाने का फैसला किया गया है। इससे साफ है कि मौजूदा सांसद अनिल बलूनी अब लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूद राज्यसभा सांसद सुशील मोदी को इस बार टिकट नहीं दिया है।

डा. संगीता

गाजीपुर सदर से वर्ष 2017 में विधायक थीं और योगी के पहले कार्यकाल में सहकारिता राज्यमंत्री थीं। चुनाव से कुछ महीने मंत्री बनाया गया था।

नवीन जैन

आगरा के पूर्व महापौर हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे हैं। पीएनसी कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी के मालिक हैं। व्यापारी समुदाय में बहुत अच्छी पकड़ है।

साधना सिंह

वर्ष 2017 में मुगलसराय सीट से विधायक बनी थीं। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रही हैं। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की तीन बार सदस्य रही हैं।

अमरपाल मौर्य

दो बार से भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। संगठन में मजबूत पकड़ है। ऊंचाहार विधानसभा से चुनाव लड़े थे, हार गए थे।

तेजवीर सिंह

मथुरा लोकसभा सीट से 1996, 98 और 1999 में सांसद रहे हैं। जाट बिरादरी से हैं। यूपीपीसीएफ के वर्ष 2018 से 2023 तक चेयरमैन रहे हैं।

विधानसभा में दलीय स्थिति इस प्रकार है
भारतीय जनता पार्टी 252

समाजवादी पार्टी 108

अपना दल (सोनेलाल) 13

राष्ट्रीय लोक दल 09

निषाद पार्टी 06

सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी 06

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 02

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक 02

बहुजन समाज पार्टी 01

अगला लेखऐप पर पढ़ें