बांकेबिहारी मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने को याचिका दायर
वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंदिर के राजभोग सेवा अधिकारी देवेंद्र गोस्वामी ने याचिका दायर कर प्रबंधन में प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने की मांग की है।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का सरकार अधिग्रहण न करे और मंदिर प्रबंधन में प्रशासनिक हस्तक्षेप ना हो, इसे लेकर. मंदिर के एक सेवायत द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई मंगलवार को डबल बेंच में होगी। अब सभी की निगाहें मंगलवार को होने वाली सुनवाई पर टिक गई है।
मंदिर के राजभोग सेवा अधिकारी देवेंद्र गोस्वामी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को न्यायाधीश संदीप खन्ना और दीपांकर दत्ता की डबल बेंच द्वारा सुनवाई की जाएगी। याचिका में उनकी ओर से विभिन्न तथ्य न्यायालय के समक्ष रखे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि बांके बिहारी मंदिर के चढ़ावे एवं प्रबंधन में प्रशासनिक हस्तक्षेप को लेकर सुनवाई की मांग रखी गई है। उनके अनुसार उनकी ओर से दायर याचिका में उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ मंत्रालय के प्रमुख सचिव, डीएम मथुरा, एसएसपी मथुरा के साथ अनंत शर्मा और मनोज कुमार पांडेय को प्रतिवादी बनाया गया है।
गौरतलब है कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में लगातार बढ़ रही भीड़ एवं अव्यवस्थाओं को लेकर 18 अगस्त 2022 को अनंत शर्मा द्वारा एक याचिका हाईकोर्ट में लगाते हुए कॉरिडोर की मांग रखी गई थी । जिसमें लंबी सुनवाई के बाद 19 नवंबर 2023 को कॉरिडोर बनाए जाने का रास्ता कोर्ट द्वारा साफ कर दिया गया। साथ ही हाईकोर्ट इलाहाबाद द्वारा सेवायत गोस्वामी समाज को सुनते हुए उनके अधिकार से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी दिए गए थे।
इसी बीच मंदिर की सेवा अधिकारी देवेंद्र गोस्वामी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मंदिर प्रबंधन में प्रशासनिक हस्तक्षेप को लेकर नई याचिका दायर करने से एक बार फिर से कॉरिडोर प्रकरण स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। मंगलवार को होने वाली सुनवाई से अब इस प्रकरण में क्या फैसला आएगा यह देखने वाली बात होगी।
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