हाथरस के बाद भीड़ नियंत्रण पर नजर, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पहुंचे मुख्य सचिव और डीजीपी
हाथरस कांड के बाद भीड़ नियंत्रण का खाका खींचने खुद यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी बुधवार को वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। इस दौरान काफी दूर तक पैदल ही निरीक्षण किया। कुंज गलियों में भी घूमे।
हाथरस कांड के बाद भीड़ नियंत्रण पर अब सरकार की खास नजर है। इसी के तहत यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बुधवार को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के नियंत्रण और सुविधा को लेकर निरीक्षण किया। कुंज गलियों में घूमने के बाद मंदिर के आसपास की स्थिति का आकलन किया और सुरक्षा का खाका खींचा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार की दोपहर करीब एक बजे मंदिर पहुंचे मुख्य सचिव और डीजीपी ने मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं के लिये की गई व्यवस्थाओं को परखा। डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश कुमार पाण्डेय ने उन्हें मंदिर के अंदर सफोगेशन की जानकारी देने के साथ प्रवेश और निकास मार्गों के बारे में बताया।
बताया गया कि भीड़ अधिक होने पर श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में अंदर भेजने की व्यवस्था बनाई हुई है। इसके बाद प्रवेश द्वार दो से बाहर आकर पुलिस चौकी के सामने स्थित गली से होते हुए दाऊजी मंदिर तिराहा पहुंचे। यहां जुगल घाट से आने वाले रास्ते की जानकारी दी गई। यहां से अधिकारी पैदल चलते हुए विद्यापीठ चौराहा से हरिनिकुंज चौराहा पहुंचे। यह दूसरा मार्ग है, जहां से होकर श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचते हैं। निरीक्षण के दौरान एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी, आईजी दीपक कुमार, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह आदि मौजूद थे।
20 हजार वाहनों के सापेक्ष 8500 वाहनों की पार्किंग क्षमता
बांकेबिहारी मंदिर का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने पर्यटक सुविधा केंद्र पर अधिकारियों के साथ प्रजेंटेशन के जरिये वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या, श्रद्धालुओं के अनुपात में पार्किंग की जानकारी हासिल की। बैठक में बताया गया कि नम्बर प्लेट कैप्चर करने वाले कैमरों के जरिये आने वाले वाहनों का सर्वे किया गया है। सामान्य दिनों में 5500 वाहन आते हैं, जबकि क्षमता 4500 वाहनों की है।
वीकेंड पर आने वाले वाहनों की संख्या 13 हजार है। वहीं विशेष दिनों में 20 हजार वाहन आते हैं। सामान्य दिनों में 800, वीकेंड पर 8300 और विशेष दिनों पर 11500 वाहनों के लिये पार्किंग की आवश्यकता जताई। यह भी बताया गया कि विशेष दिनों पर अस्थाई पार्किंग बनाकर 8500 वाहन पार्क कराये जाते हैं। बैठक में भीड़ नियंत्रण के साथ विकास कार्यों को लेकर भी मंथन हुआ।
पट बंद होने के बाद किया देहरी पूजन
बांकेबिहारी मंदिर के दोपहर 12 बजे पट बंद होने के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी करीब एक बजे मंदिर पहुंचे। जगमोहन में आकर बिहारीजी के समक्ष दीपक जलाया और फलों से भरी टोकरी भोग स्वरुप दी। भोग की टोकरी में दोनों अधिकारियों ने बांसुरी भी भेंट की।
सकरी गलियों से घिरा हुआ है मंदिर : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सहूलियत मुहैया कराने पर काम हो रहा है। यहां रोजाना पांच से छह लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिये आते हैं। दर्शन के बाद संतुष्ट हों, ऐसी योजना पर काम किया जायेगा।
कहा कि बांकेबिहारी मंदिर बीच शहर में है और सकरी गलियों से घिरा हुआ है। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन कैसे कराये जाएं, इस पर आज अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही रोकना और आसपास कॉलोनी के लोगों की सुविधा को भी ध्यान में रखकर व्यवस्था बनाई जाएगी।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए होगा काम : डीजीपी
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि बांकेबिहारी मंदिर पर सुरक्षा स्कीम को और बेहतर करते हुए काम किया जाना है। बिहारीजी के दर्शन करने के लिये अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय निवासियों को कोई परेशानी न हो, उसे देखते हुए कार्य किया जायेगा। डीजीपी ने कहा कि श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को देखते हुए तकनीकि का भी प्रयोग किया जा रहा है। मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं के बेहोश होने की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सुधार के कदम उठाये जायेंगे। सुरक्षा स्कीम में बदलाव करना पड़ा तो वह करेंगे।
बिछाया गया रेड कारपेट
मुख्य सचिव और डीजीपी की अगवानी के लिये वीआईपी मार्ग से लेकर मंदिर तक और मंदिर से लेकर पुलिस चौकी के पास तक रेड कारपेट बिछाया गया।
मंदिर को शिफ्ट करने को ज्ञापन सौंपा
मुख्य सचिव और डीजीपी के बांकेबिहारी मंदिर पर स्थलीय निरीक्षण से स्थानीय लोग आशंकित दिखे। कॉरिडोर का विरोध कर रहे लोगों ने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा। दीपक पाराशर आदि ने कॉरिडोर न बनाकर मंदिर को बिहारीजी बगीचा में शिफ्ट करने की मांग की। जिससे कि यहां वर्षों से रह रहे लोगों के आवास न टूटें।