बाहुबली राजन तिवारी ने जेल ले जा रहे सिपाहियों को दी बाहर आकर जान से मार देने की धमकी, एक और केस हुआ दर्ज
बिहार के पूर्व विधायक और राजन तिवारी पर एक और केस दर्ज हाे गया है। यह केस उन्हें कोर्ट से जेल ले रहे 4 सिपाहियों ने दर्ज कराया है। आरोप है कि राजन तिवारी ने सिपाहियों को जेल के रास्ते में धमकी दी।
बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी ने कोर्ट में पेशी के बाद जेल ले जा रहे सिपाहियों को बाहर आकर जान से मार देने की धमकी दी। पुलिसवालों का आरोप है कि उसने पहले गाली दी और इसका विरोध करने पर धमकाया। चार सिपाहियों की तहरीर पर गोरखपुर की कैंट पुलिस ने राजन तिवारी के खिलाफ एक और केस दर्ज कर लिया है।
कैंट थाने में तैनात सिपाही जय प्रकाश यादव, शरद, सौरभ व सुजीत ने थाना प्रभारी को दी गई तहरीर में लिखा है कि 18 अगस्त की शाम को गगहा थानाक्षेत्र के सोहगौरा निवासी राजन तिवारी हाल मुकाम तारामंडल, खोराबार को न्यायालय में पेश करने के बाद वे लोग जिला कारागार ले जा रहे थे। कचहरी से निकलते ही राजन तिवारी उन लोगों को गाली देने लगा। विरोध करने पर कहने लगा कि तुम लोग मुझे जेल ले जा रहे हो, निकलने के बाद किसी को छोडूंगा नहीं।
सरकारी वाहन के आगे-पीछे माफिया राजन तिवारी के समर्थक भी चल रहे थे जो विरोध करने पर हाथापाई पर आमादा हो गए। वे पुलिसकर्मियों को डराने के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डाल रहे थे। सिपाहियों की तहरीर पर आलाधिकारियों के निर्देश के बाद कैंट पुलिस ने पूर्व विधायक और बाहुबली राजन तिवारी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने व सिपाहियों को धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
राजन तिवारी की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही पुलिस
पूर्व विधायक बाहुबली राजन तिवारी को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद पुलिस ने अब उसकी नामी-बेनामी संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके लिए राजस्व विभाग को भी लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक संपत्ति का आंकड़ा जुटाने के बाद अपराध से कमाई कर संपत्ति बनाने की रिपोर्ट देकर पुलिस उसे जब्त कराने का प्रयास करेगी।
गैंगस्टर के गैर जमानती वारंट पर पिछले गुरुवार को कैंट पुलिस ने राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार किया था। राजन को गोरखपुर के गैंगेस्टर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। 24 घंटे के अंदर ही उसे गोरखपुर जेल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट करने का आदेश हुआ और शनिवार की भोर में कड़ी सुरक्षा में फतेहगढ़ जेल पहुंचा दिया गया। इसी के साथ अब पुलिस ने राजन और उसके करीबियों के नाम की संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू किया है। पुलिस के हाथ अभी तक कोई जानकारी नहीं लगी है।
राजस्व विभाग से भी मदद मांगी है। बेनामी संपत्ति की तलाश के लिए पुलिस ने राजन तिवारी के करीबियों की छानबीन शुरू कर दी है। इस दौरान पुलिस को पता चला है कि राजन तिवारी के नाम पर कुछ लोग प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम करते हैं। पुलिस को सूचना मिली है कि राजन तिवारी ने बिहार के अलावा गोरखपुर में काफी निवेश किया है। पुलिस ने इसकी तस्दीक करनी शुरू कर दी है।
यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में है राजन
राजन तिवारी का नाम यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में शामिल है। बावजूद इसके पुलिस उसे लेकर अब तक लापरवाह बनी रही। पुलिस की लापरवाही और मिलीभगत का खेल सामने आने के बाद अब इस मामले की मॉनिटरिंग सीधे शासन से किया की जा रही है।
राजन के करीबियों की भी बन रही लिस्ट
पुलिस राजन तिवारी के करीबियों और जमानतदारों की लिस्ट तैयार कर रही है, ताकि उन पर भी शिकंजा कसा जा सके। उन पर सख्ती कर बाकी मामलों में भी जमानत खारिज कराएगी। राजन तिवारी पर यूपी व बिहार में 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं। 2019 के लोस चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी। इस पर विवाद होने के बाद पार्टी ने राजन को साइडलाइन कर दिया था। राजन ने खुद को भाजपा नेता ही बताया। 2016 में बीएसपी भी ज्वाइन की थी।
माफिया डॉन श्रीप्रकाश का करीबी रहा राजन
राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी गोरखपुर में हुई। युवा अवस्था में राजन तिवारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। 80 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया।