Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Attention DL of these drivers will be canceled in UP vehicles will also be seized CM Yogi s strict stance

सावधान! यूपी में इन वाहन चालकों के डीएल होंगे रद्द, वाहन भी होंगे सीज, सीएम योगी का सख्त रुख

यूपी में वाहन चलाते समय अब ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। आदतन ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों का डीएल हमेशा के लिए रद किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि इसके साथ ही वाहन भी सीज़ किए जाएंगे।

सावधान! यूपी में इन वाहन चालकों के डीएल होंगे रद्द, वाहन भी होंगे सीज, सीएम योगी का सख्त रुख
Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 2 Dec 2023 04:25 PM
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यूपी में वाहन चलाते समय लापरवाही बरतना अब बहुत ही महंगा पड़ सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस रद्द करने का निर्दे्श दिया है। इसके साथ ही उनके वाहनों को भी सीज़ किया जाएगा। वाहन चलाने वाले हर व्यक्ति को यातायात नियमों का अनुपालन करना होगा। इस बारे में जागरूकता और प्रवर्तन, दोनों की कार्रवाई की जाए। कहा कि पहले जागरूक करें, पुनः उल्लंघन होने पर पेनाल्टी लगाएं फिर भी यदि उल्लंघन हो तो ड्राइविंग लाइसेंस रद किया जाए। इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को ‘उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद’ की बैठक संपन्न हुई। प्रदेश में पहली बार एआरटीओ सड़क सुरक्षा की तैनाती होगी। इस संबंध में पदों के सृजन का प्रस्ताव यथाशीघ्र भेजने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। यह भी कहा कि अन्य जहां कहीं मानव संसाधन की कमी हो उसे तत्काल पूरा करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखनऊ में शीघ्र ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट और एनालिटिक्स सिस्टम की स्थापना की जाएगी, साथ ही कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, प्रयागराज तथा गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ट्रॉमा सेंटर में अन्य सेवाओं के साथ साथ ऑर्थोपेडिक और न्यूरो सर्जन की तैनाती की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं में असामयिक मृत्यु को न्यूनतम करने के लिए ठोस प्रयास करने पर जोर दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले शीर्ष 30 नगरों में बीते तीन वर्षों में सड़क दुर्घटना में औसत मृतकों की संख्या 20,990 प्रति वर्ष रही है। इसे न्यूनतम करने के लिए सरकार, प्रशासन और जनता सभी को मिलकर काम करना होगा।

पंद्रह दिन का चलेगा सुरक्षा पखवाड़ा
सीएम ने निर्देश दिए कि यातायात नियमों के पालन कराने के लिए चालान अथवा प्रवर्तन की अन्य कार्रवाई स्थायी समाधान नहीं है। हमें जागरूकता पर बल देना होगा। 15 से 31 दिसंबर तक की अवधि को Бसड़क सुरक्षा पखवाड़ा’ के रूप में मनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने तीन या तीन से अधिक मृत्यु वाली दुर्घटना की अनिवार्य जांच जनपदीय दुर्घटना जांच समिति के माध्यम से कराना शुरू किया है। इस व्यवस्था का प्रभावी क्रियान्वयन जनपद एवं राज्य स्तर पर समस्त संबधित विभागों द्वारा अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।

स्पीड ब्रेकर कमरतोड़ू नहीं टेबल टाप हों
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खराब रोड इंजीनियरिंग बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। पीडब्ल्यूडी, स्टेट हाइवे, एनएचएआई के मार्गों पर चिह्नित ब्लैक स्पॉट के अल्पकालिक और दीर्घकालिक सुधारीकरण के लिए जारी कार्य गुणवत्ता के साथ यथाशीघ्र पूरा किया जाए। स्पीड ब्रेकर निर्माण करते समय लोगों की सुविधा का ध्यान भी रखें। स्पीड ब्रेकर कमरतोड़ू नहीं, टेबल टॉप हों। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। खराब डिजाइनिंग की वजह से अक्सर लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती है।

दुर्घटनाएं कम करने के प्रयास करें
सीएम ने कहा कि कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा जैसे बड़े शहरों में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। एक्सप्रेस-वे अथवा राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े इन शहरों को केंद्रित कर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। हमें ड्राइविंग टेस्टिंग एवं ट्रेनिंग पर भी फोकस करना होगा। इसी उद्देश्य से 15 मंडलीय जनपदों में ड्राइविंग टेस्टिंग एवं ट्रेनिग इंस्टीट्‌यूट  निर्मित कराये गए हैं।

होमगार्ड व पीआरडी जवानों की करें तैनाती 
सीएम ने निर्देश दिए कि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा होमगार्डों की तैनाती भी की गई है। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप यातायात पुलिस के साथ होमगार्डों और पीआरडी जवानों की तैनाती की जाए। दुर्घटना की स्थिति में ‘आपदा मित्रों’ की सेवाएं ली जाएं।

लखनऊ में बनाएं ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि यातायात विभाग द्वारा लखनऊ में ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना की जाए। साथ ही, डेटा एनालिटिक्स सिस्टम की स्थापना की कार्रवाई करें। प्रदेश में संचालित और प्रस्तावित सभी आईटीएमएस को यूपी-112 से इंटीग्रेट किया जाए। इससे दुर्घटना व अन्य जरूरतों के समय बेहतर तालमेल के साथ समय पर मदद मिल सकेगी। 

ट्रॉमा सेंटरों का करें विस्तार
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्तमान में प्रदेश के 44 जनपदों में स्थित ट्रॉमा सेंटरों को और विस्तार दिए जाने की जरूरत है। जिन क्षेत्रों में ट्रॉमा सेवाओं का अभाव है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल आवश्यक प्रबंध किए जाएं। निर्देश दिए कि नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट प्रोग्राम के तहत आईएमएस बीएचयू में कौशल विकास केंद्र स्थापित और संचालित है। इसके साथ ही, कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, प्रयागराज और गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कौशल विकास केंद्र की स्थापना का कार्य शीघ्र पूरा कराएं।

ड्राइवरों का करें नेत्र परीक्षण 
सीएम ने निर्देश दिए कि भारी वाहन के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण के समय नेत्र परीक्षण जरूर किया जाए। राज्य सड़क परिवहन की बसों के चालकों का नेत्र परीक्षण नियमित अंतराल पर किया जाए। इसके लिए परिवहन और चिकित्सा विभाग द्वारा समन्वय के साथ बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। सीएम ने निर्देश दिए कि सड़क आवागमन के लिए है, न कि पार्किंग के लिए, नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ करना होगा। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थायी समाधान करे। यह सुनिश्चित करें कि कोई तय स्थान के बाहर दुकान न लगाए। ई-रिक्शा चालकों के सत्यापन करते हुए उनका रूट तय किया जाए।

यह भी फैसला
- हर जिले में होगी एआरटीओ रोड सेफ्टी की तैनाती, मांगा प्रस्ताव
- 15 से 31 दिसंबर तक आयोजित होगा सड़क सुरक्षा पखवाड़ा
- भारी वाहन चालकों का डीएल नवीनीकरण में नेत्र परीक्षण जरूरी
- यातयात प्रबंधन में होमगार्ड और पीआरडी जवानों भी लगेंगे
- साल भर में सभी जिलों में होगी ड्राइविंग टेस्टिंग ऑटोमेशन सुविधा
- एक्सप्रेस-वे पर एम्बुलेंस, कैमरों और क्रेन की संख्या और बढ़ेगी

योजनाएं
-उत्तर प्रदेश पहला राज्य, जहां सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों की सही जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना अधिसूचित
-लखनऊ में शीघ्र होगी ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट और एनालिटिक्स सिस्टम की स्थापना
-कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, प्रयागराज तथा गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में स्थापित होंगे कौशल विकास केंद्र

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