अतीक अहमद इस बार गायब ही हो गया प्रयागराज के चुनाव से, नाम से भी परहेज कर रहे नेता
लंबे समय तक माफिया अतीक अहमद की वजह से चर्चा में रहे प्रयागराज में दो दलों के बीच छिड़ी लड़ाई इस बार अलग ही मुद्दों पर केंद्रित है। विपक्षी गठबंधन अतीक हत्यांकांड का जिक्र करने से भी बच रहा है।
Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में इलाहाबाद (प्रयागराज) लोकसभा सीट पर शनिवार को होने वाले मतदान से पहले चुनाव प्रचार पूरे शबाब पर है। लंबे समय तक माफिया अतीक अहमद की वजह से चर्चा में रहे प्रयागराज में दो दलों के बीच छिड़ी लड़ाई इस बार अलग ही मुद्दों पर केंद्रित है। भाजपा तो माफिया राज के खात्मे को मुद्दा बना रही है लेकिन विपक्षी गठबंधन सांप्रदायिक ध्रुवीकरण रोकने के लिए अतीक हत्यांकांड का जिक्र करने से भी बच रहा है।
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा के नीरज त्रिपाठी के मुकाबले कुंवर उज्जवल रमण सिंह ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। बसपा ने रमेश सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि से हैं। कुंवर उज्जवल रमण सिंह जहां खुद भी सपा सरकार में मंत्री रहे हैं, वहीं उनके पिता कुंवर रेवती रमण सिंह इलाहाबाद से दो बार सांसद रहे हैं। वह 2004 व 2009 में सांसद चुने गए थे।
इसके अलावा वह करछना से विधायक भी रहे हैं। इसी तरह भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के पिता स्व. केशरी नाथ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले नीरज त्रिपाठी अपर महाधिवक्ता थे। कांग्रेस का टिकट लेने से पहले कुंवर उज्जवल रमण सिंह सपा में थे। गठबंधन होने के बाद आपसी सहमति से दोनों दलों ने उन्हें मैदान में उतारा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके समर्थन में प्रयागराज में जनसभा कर चुके हैं तो भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं जनसभा कर चुके हैं। छठें चरण में एकमात्र सीट पर अपना प्रत्याशी होने से कांग्रेस के चुनाव प्रबंधकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।