अतीक-अशरफ हत्याकांड: न्यायिक आयोग ने मीडिया की भूमिका पर उठाए सवाल, कहा-नहीं रखा आत्मसंयम
आयोग ने कहा है कि मीडिया ने अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ में बहुत सक्रिय रुचि ली। दोनों मृतकों ने भी मीडिया कर्मियों को गतिविधियों की कवरेज के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया।
Atiq Ahmed- Ashraf Ahmed Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ अहमद की हत्या की जांच करने वाले न्यायिक आयोग ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। आयोग ने कहा है कि मीडिया ने अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ में बहुत सक्रिय रुचि ली। दोनों मृतकों ने भी मीडिया कर्मियों को उनकी गतिविधियों को कवर करने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया। वे उनसे बात करने और उनके सवालों का जवाब देने के लिए बहुत उत्सुक थे।
आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि अतीक और अशरफ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और उनकी बाइट लेने के अपने प्रयास में मीडिया कर्मियों द्वारा किसी आत्मसंयम का परिचय नहीं दिया गया था। मीडिया के इस आचरण को स्वयं अतीक व अशरफ ने प्रोत्साहित किया था।
कॉल्विन हॉस्पिटल प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को जब दोनों आपातकालीन कक्ष की ओर जा रहे थे तो मीडिया का माइक उनके चेहरे के ठीक सामने था। मीडिया कर्मियों द्वारा फ्लैश लाइट के भारी उपयोग ने अतीक व अशरफ के चारों ओर आंतरिक सुरक्षा घेरा बनाने वाले पुलिस कर्मियों को व्यावहारिक रूप से अंधा कर दिया था।
गड्ढे में घुसकर पुलिस पर कर रहे थे फायरिंग
विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह और अधिवक्ता उमेश पाल और उनके दोनों पुलिस अंगरक्षकों की हत्या 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में हुई थी। इस हत्याकांड में वांछित अभियुक्त विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान छह मार्च 2023 को प्रयागराज के कौंधियारा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इसी तरह दो अन्य अभियुक्त मो. असद और मो. गुलाम को 13 अप्रैल 2023 को झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। आयोग ने जांच में पाया कि असद व गुलाम गड्ढे में पोजीशन लेकर पुलिस पर तेजी से फायर कर रहे थे। ऐसे में पुलिस के पास आत्मरक्षार्थ फायर करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था।
गवाहों के अनुसार पुलिस पार्टी का पूरा प्रयास अभियुक्तों को जीवित पकड़ने का था। दोनों अभियुक्तों की कमर का भाग गड्ढे के अंदर था, अत पुलिस की गोलियों की चोट उनको शरीर के ऊपरी भाग पर ही आना संभावित था। फायर बंद होने के बाद पुलिस जब नजदीक पहुंची तो उन्होंने गड्ढे में दो घायल व्यक्तियों को पड़े देखा, जिनमें जीवन के लक्षण दिखाई पड़ रहे थे। अत तत्काल एंबुलेंस बुलाकर दोनों को अलग-अलग एंबुलेंस से झांसी मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।