Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Another big decision of Yogi cabinet: 28 lakh employees and pensioners of UP will get cashless treatment

योगी कैबिनेट का एक और बड़ा फैसला: यूपी के 28 लाख कर्मचारी और पेंशनरों को मिलेगा कैशलेस इलाज 

यूपी के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना शुरू की है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकारी...

Dinesh Rathour लखनऊ। विशेष संवाददाता , Sat, 1 Jan 2022 10:56 PM
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यूपी के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना शुरू की है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने शनिवार को मंजूरी दे दी। अब प्रदेश के तकरीबन 28 लाख राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी। 

राज्य कर्मचारियों को अभी तक सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज या प्राधिकृत संविदाकृत अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा थी। इलाज में आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है। मगर अब कर्मचारियों को राहत देने के लिए उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। ऐेसे में उन्हें पहले भुगतान करके फिर प्रतिपूर्ति के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि कैशलेस के साथ मौजूदा व्यवस्था भी बहाल रहेगी। 

स्टेट हेल्थ कार्ड बनेगा

सरकारी वित्त पोषित अस्पतालों में लाभार्थियों को जरूरत के हिसाब से कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं होगी। सभी कर्मचारियों का स्टेट हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसी स्टेट हेल्थ कार्ड की सहायता से लाभार्थी को नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।  

निजी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा 

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में संबद्ध निजी अस्पतालों में भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मियों तथा उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। ऐसे निजी अस्पतालों में इलाज के खर्च की सीमा हर साल प्रति लाभार्थी परिवार पांच लाख रुपये तक होगी। 

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में होगा कार्पस फंड 

राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग और चिकित्सा ए‌वं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण वाले अस्पतालों के लिए अलग-अलग कार्पस फंड का प्रावधान किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग में यह कार्पस फंड 200 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग में 100 करोड़ का होगा। 

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