Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Allahabad High Court will not interference in the case of keeping injured and dead bodies of Auraiya accident in one vehicle

औरैया हादसा : घायलों व शवों को एक वाहन में रखने के मामले में इलाहाबाद HC का हस्तक्षेप से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया की सड़क दुर्घटना में 24 मजदूरों की मौत की के बाद शवों व घायलों को एक वाहन मे रखकर झारखंड भेजने की खबर को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने...

Shivendra Singh विधि संवाददाता, प्रयागराज।Wed, 27 May 2020 06:58 AM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया की सड़क दुर्घटना में 24 मजदूरों की मौत की के बाद शवों व घायलों को एक वाहन मे रखकर झारखंड भेजने की खबर को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी औरैया व राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं। याची इस मामले को उचित फोरम या सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उठा सकता है। 

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व  चार अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के 40 घंटे बाद मृतकों के शवों व घायलों को एक वाहन में झारखंड भेजने जैसी अमानवीय घटना पर रोक लगाई जाए। साथ ही सरकार को ऐसी स्थिति में घायलों को उनके राज्य न भेजकर वहीं इलाज कराने और उचित मुआवजा दिए जाने की नीति बनाने का निर्देश दिया जाए।

इससे पहले बीते शुक्रवार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस खबरों का स्वतः संज्ञान लेते हुए दिया है। मुख्य सचिव से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। औरैया में 16 मई को दुर्घटना के बाद शवों और घायलों को एक ही वाहन में ले जाया गया था। इस दुर्घटना में 26 श्रमिकों की मौत हो गई थी जबकि 30 घायल हुए थे। दुर्घटना पंजाब से आ रहे वाहन की राजस्थान से आ रहे एक अन्य वाहन से टक्कर के कारण हुई थी। इस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि यह अमानवीय कृत्य था। आयोग ने कहा ऐसे में जबकि श्रमिक घायल थे, उन्हें शारीरिक कष्ट था लेकिन शवों के साथ वाहन में बैठाने पर उन्हें मानसिक यातना भी हुई।

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