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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी वुजूखाना के सर्वे मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद से जवाब मांगा, 4 हफ्ते का दिया समय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना का ASI से वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग में दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी वुजूखाना के सर्वे मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद से जवाब मांगा, 4 हफ्ते का दिया समय
Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 9 July 2024 05:04 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग में दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख लगाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया है। 

श्रृंगार गौरी केस में वादी राखी सिंह की ओर से दाखिल निगरानी याचिका में कहा गया है कि वाराणसी के जिला जज ने 21 अक्टूबर 2023 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए वुजूखाने का एएसआई से सर्वे का आदेश देने से इनकार कर दिया था। मंदिर पक्ष का कहना है कि एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे से वुजूखाना को कोई नुकसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी नहीं होगा, क्योंकि वुजूखाना क्षेत्र को सुरक्षित और संरक्षित करने का आदेश है, सील नहीं किया गया है। निगरानी याचिका में वुजूखाना के भीतरी हिस्से का एएसआई से सर्वे कराने का निर्देश देने की मांग की गई है।

इस निगरानी याचिका पर इससे पहले 22 मई को संबंधित कोर्ट को बताया गया था कि मुख्य न्यायाधीश ने यह निगरानी याचिका अन्य एकल पीठ को मामले सुनवाई के लिए नामित किया है। इसके बाद उक्त एकल पीठ ने मुख्य न्यायाधीश को उपयुक्त बेंच नामित करने के लिए फाइल भेज दी थी। जिला जज वाराणसी की आदेश के विरुद्ध दाखिल इस निगरानी याचिका पर 31 जनवरी को विपक्षी संख्या चार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को नोटिस जारी किया था।

मूल वाद में पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई टली

सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की कोर्ट में ज्ञानवापी के मूल वाद में पक्षकार बनाने की तीन महिलाओं की अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को टल गई। अर्जी के खिलाफ पूर्व में दाखिल आपत्ति पर महिलाओं की ओर से प्रति आपत्ति देने के लिए पांच दिन का समय मांगा गया। अदालत ने 12 जुलाई तक का समय दिया।

गौरतलब है कि मूल वाद के वादी रहे हरिहर पांडेय के निधन के बाद तीन पुत्रियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्र, रेनू पांडेय की ओर से अर्जी दाखिल कर पक्षकार बनाने मांग की गई है। मुकदमे के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने पूर्व में आपत्ति दाखिल कर अर्जी खारिज करने की मांग की। इसी प्रार्थना पत्र पर अदालत को सुनवाई करनी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान तीनों महिलाओं की ओर से अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र देकर समय की मांग की। 

उर्स और चादरपोशी में सुनवाई 17 अगस्त को 

फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी के प्रकरण में सुनवाई की अगली तिथि 17 अगस्त तय की है। इस मामले में राखी सिंह की ओर से पक्षकार बनाने की दाखिल अर्जी पर सुनवाई होनी है। प्रकरण के मुताबिक जुलाई 2022 में लोहता के मुख्तार अहमद समेत चार मुस्लिमों ने अदालत में वाद दाखिल कर ज्ञानवापी स्थित मजार पर उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति मांगी है। मुकदमे में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, प्रदेश सरकार के साथ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है।

वुजूखाने में गंदगी का मामला सुनेगी कोर्ट 

अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की कोर्ट में बुधवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर दिए गए बयान मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई होनी है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल कर कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है। दावा है कि वह स्थान अराध्य देव शिव का है। यह भी कहा है कि मामले में ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं की बयानबाजी से हिन्दुओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए उनपर मुकदमा दर्ज किया जाए। लोअर कोर्ट में वाद खारिज होने के बाद वादी ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की है।

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