अटाला हिंसा के आरोपी को हाईकोर्ट से मिली राहत, भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के बयान के बाद हुआ था बवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के बयान के बाद अटाला में हुई हिंसा के आरोपी जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के बयान के बाद, 10 जून 2022 को प्रदर्शन के दौरान अटाला में हुई हिंसा के आरोपी जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने दिया है। जावेद पंप के खिलाफ प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में आईपीसी की धारा 147/427 व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3/5 के तहत स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सौरभ शुक्ल ने एफआईआर दर्ज कराई थी। हिंसा और पत्थरबाजी से प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की संपत्तियों को नुकसान हुआ था।
एफआईआर में हिंसा और पत्थरबाजी से 6 लाख 25 हजार रुपये के नुकसान की बात कही गई। देवरिया जेल में बंद जावेद पंप की ओर से जमानत के समर्थन में कहा गया कि दो सह अभियुक्तों आतिफ अहमद व इलियास की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है इसलिए उसे भी समानता के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए। वह 24 अगस्त 2023 से जेल में बंद है। यह भी कहा गया कि तीन आपराधिक मामलों के गैंग चार्ट के आधार पर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सभी मुकदमों में वह जमानत पर है। तथ्यों के आधार पर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लागू नहीं होता। उस पर लगे आरोप निराधार सामान्य प्रकृति के हैं और बलवा में उसकी भूमिका स्पष्ट नहीं है।
जमानत का विरोध कर रहे अपर महाधिवक्ता का कहना था कि गैंग चार्ट में दर्ज तीन केस के अलावा भी जावेद पंप का आपराधिक इतिहास है लेकिन वह अन्य केसों को गैंग चार्ट में शामिल न करने का कारण नहीं बता सके। उन्होंने जमानत का विरोध किया लेकिन समानता के तर्क को माना भी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि आपराधिक इतिहास का फार्म 4 संलग्न नहीं है। याची को पिछले केसों में जमानत मिल चुकी है। जमानत के आदेशों को सरकार ने चुनौती भी नहीं दी है। ऐसे में याची जमानत पाने का हकदार है।