आयर विभाग का छापा: बरेली कारोबारी के लॉकर खोलेंगे काली कमाई के राज, लखनऊ के करीबियों की भी निगरानी
बरेली के रीयल एस्टेट कारोबारी और ठेकेदार के बैंक खाते और लॉकरों को आयकर ने ‘अटैच’ कर लिया है। अब इनसे टैक्स की हेरफेर के राज खुलेंगे। साथ ही बरेली, लखनऊ में सर्च ऑपरेशन शुक्रवार को पूरा कर लिया गया।
बरेली के रीयल एस्टेट कारोबारी और ठेकेदार के बैंक खाते और लॉकरों को आयकर ने ‘अटैच’ कर लिया है। अब इनसे टैक्स की हेरफेर के राज खुलेंगे। साथ ही बरेली, लखनऊ में सर्च ऑपरेशन शुक्रवार को पूरा कर लिया गया। टीमें शाम तक वापस लौट आईं।
आयकर सूत्रों ने बताया कि ठेकेदार के आवास से कुछ नगदी और ज्वेलरी से संबंधित रसीदें भी मांगी गई हैं। फिलहाल बरेली स्थित बैंक खाते और लॉकर कब्जे में लेकर छानबीन शुरू हो चुकी है। गोमती नगर के सरस्वती आपार्टमेंट से भी कुछ दस्तावेज आयकर अधिकारियों ने अपने कब्जे में लिए हैं। बरेली, काशीपुर और सरस्वती अपार्टमेंट लखनऊ से लाए गए दस्तावेजों, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क को अशोक मार्ग स्थित आयकर जांच मुख्यालय में जमा कर दिया गया है।
आयकर सूत्रों के अनुसार अब इन दस्तावेजों की स्क्रुटनी होगी। साथ ही नोटिस भेजकर कारोबारी से जवाब मांगा जाएगा। आयकर विभाग के अनुसार जिन खर्चों का हिसाब कारोबारी नहीं दे पाए हैं उनको अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। यदि टैक्स चोरी साबित हो जाती है तो जुर्माना वसूला जाएगा। दो दिन पहले कारोबारी के लखनऊ, बरेली, काशीपुर स्थित पांच ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ था। बरेली में प्रेम नगर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत दीन दयाल पुरम स्थित सत्य साईं बिल्डर्स के दफ्तर और आवास पर छापा मारा गया था।
आयकर ने मांगा ढाई सौ करोड़ का हिसाब
आयकर अधिकारियों को 254 करोड़ का हिसाब नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार बयान दर्ज कराते समय भी ठेकेदार रमेश गंगवार सही जवाब नहीं दे पाए। कारोबारी ने आयकर रिर्टन में अपनी जो आमदनी दर्शाई थी, उसके मुकाबले खर्च कई गुना अधिक मिला है। आयकर अधिकारी यही जानना चाहते हैं कि यह पैसा कहां से आया।