निरहुआ के बाद बसपा सांसद संगीता आजाद ने संसद में उठाई 'अहीर रेजीमेंट' की मांग, कहा- 'राजभर रेजीमेंट' भी बने
आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने पिछले दिनों सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग संसद में उठाई थी। अब आजमगढ़ की ही लालगंज सीट से बसपा सांसद संगीता आजाद ने अहीर रेजिमेंट की मांग की है।
आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने पिछले दिनों सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग संसद में उठाई थी। अब आजमगढ़ की ही लालगंज सीट से बसपा सांसद संगीता आजाद ने अहीर रेजिमेंट के साथ ही राजभर रेजिमेंट बनाने की मांग लोकसभा में उठाई है।
बहुजन समाज पार्टी की सांसद संगीता आजाद ने सोमवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति वर्ग की कुछ जातियों के नाम पर सेना में रेजीमेंट बनाकर इन्हें सम्मान दिया जाए।
संगीता आजाद ने सदन में नियम 377 के तहत अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कहार, कश्यप, बिंद और केवट समेत 17 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए।
संगीता ने कहा कि ये जातियां शुरू से ही लड़ाकू रही हैं। इनके पूर्वजों ने मुगलों और अंग्रेजों से लोहा लिया और देश को आजाद कराने में योगदान दिया। उन्होंने आग्रह किया कि अग्निपथ योजना में ऐसी जातियों को शामिल किया जाए। कहा कि अहीर और राजभर रेजीमेंट आदि बनाकर इन जातियों को सम्मान दिया जाए। बसपा सांसद ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में अग्निवीर प्रशिक्षण केंद्र खोला जाए।
इससे पहले संसद के पिछले सत्र में सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा था कि अहीर रेजिमेंट बना तो चीन की रुह कांप जाएगी। निरहुआ ने 1962 की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि क्यों देश को अहीर रेजिमेंट की जरूरत है। निरहुआ ने आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के दौरान भी अहीर रेजिमेंट बनवाने के लिए पुरजोर आवाज उठाने का वादा किया था।
निरहुआ ने कहा कि अहीर रेजिमेंट की मांग लंबे समय से चल रही है। सेना में सभी जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्य के योगदान और बलिदान को ध्यान में रखते हुए रेजिमेंट का निर्माण किया गया है। जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्यों के आधार पर रेजिमेंट की मांग की गई है। इसको देखते हुए अहीर रेजिमेंट की मांग को बिल्कुल जायज बताया गया है। निरहुआ ने संसद में सरकार से मांग की कि अहीर रेजिमेंट का गठन जल्द से जल्द किया जाए।
निरहुआ ने कहा कि जिस दिन अहीर रेजिमेंट का गठन होगा, उस दिन चाइना की रूह कांप जाएगी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन को रेजांगला चौकी पर 1962 के युद्ध का संस्मरण अब तक है। कैसे 162 अहीर जवानों ने 3000 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था। यह इतिहास है। चीन ने भी इस घटना को हमेशा याद किया है।