Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़After 26 years Brijbhushan faces a new test in the electoral battle reputation at stake

26 साल बाद चुनावी रण से बाहर बृजभूषण का नया इम्तिहान, प्रतिष्ठा दांव पर 

26 साल बाद बृजभूषण शरण सिंह चुनावी रण से बाहर होंगे। यह बात दीगर है कि इस चुनावी में बृजभूषण का नया इम्तिहान होगा। खुद मैदान से बाहर पर प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी।

Deep Pandey प्रदीप तिवारी, गोंडाSat, 4 May 2024 08:42 AM
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वर्ष 1991 के बाद यह दूसरा मौका होगा जब बृजभूषण शरण सिंह चुनावी रण से बाहर होंगे। यह बात दीगर है कि इस चुनावी में बृजभूषण का नया इम्तिहान होगा। खुद मैदान से बाहर पर प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी।  वह चुनाव में अपने छोटे बेटे करण भूषण सिंह के लिए वोट मांगते जरूर नजर आएंगे। भाजपा ने अबकी बार कैसरगंज से उन्हें मैदान में न उतारकर उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह पर दांव लगाया है। 26 साल बाद संसदीय चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब चुनावी रण में बृजभूषण शरण नहीं होंगे।

छात्र राजनीति में अपना दबदबा कायम करने के बाद 1991 में बृजभूषण शरण सिंह पहली बार गोण्डा से लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लडे और जीत हासिल की। 1971 के बाद मनकापुर राजघराने की इस सीट पर उन्होंने बादशाहत समाप्त की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि, 1996 में टाडा मामले में जेल बंद होने पर उनकी पत्नी केतकी सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। 1998 में वह भाजपा के टिकट के चुनाव लड़े लेकिन सपा के कीर्तिवर्धन सिंह ने उन्हें शिकस्त दे दी। 1999 में एक बार फिर बृजभूषण ने इस सीट पर अपनी वापसी की और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विजय श्री प्राप्त करने में सफल रहे।

2009 में पाला बदलने के साथ चुनाव क्षेत्र भी बदला वर्ष 2004 में बलरामपुर से सांसद बनने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने 2009 में पाला बदलकर सपा में चले गए। उन्होंने 2009 में सपा के टिकट पर कैसरगंज से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करने में सफल रहे।

2004 में बलरामपुर से सांसद बने बृजभूषण

वर्ष 2004 के चुनाव में पार्टी ने गोण्डा से पूर्व मंत्री व मुजेहना से कई बार विधायक रहे घनश्याम शुक्ला को मैदान में उतारा और बृजभूषण शरण सिंह को गोंडा से सटी सीट बलरामपुर से मौका दिया गया। चुनाव के कुछ दिन पहले हुए इस फैसले के बाद उन्होंने बलरामपुर से भी विजय पताका फहरा दिया। वह वहां से भी भारी मतों से जीतने में कामयाब हुए।

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