यूपी में आठ-आठ हजार में ड्राइविंग लाइसेंस बेचने का आरोप, एक दिन में 40 को मिला डीएल
ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट लेकर डीएल निर्गत करने में टेस्ट संचालित करने वाली एजेंसी के कर्मियों ने परिवहन विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक दी। एक दिन में 40 लोगों को डीएल जारी कर दिए गए।
ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट लेकर डीएल निर्गत करने में टेस्ट संचालित करने वाली एजेंसी के कर्मियों ने परिवहन विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक दी। जहां एक दिन में बमुश्किल एक से चार लोग ड्राइविंग टेस्ट में पास हो पाते थे, वहीं 29 अक्तूबर को बरेली में एक ही दिन में 40 आवेदकों को डीएल जारी कर दिया गया। एजेंसी के कर्मियों पर आरोप है कि एक-एक आवेदक से आठ-आठ हजार रुपये लिए गए हैं।
कुछ आवेदकों को जब इस बात की जानकारी मिली तो आरटीओ ऑफिस पहुंच गए। शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने 28 से 30 अक्तूबर तक पास-फेल सभी आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस रोक दिए। जांच एआरटीओ और आरआई को दे दी गई।
जुलाई में परसाखेड़ा में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक शुरू हुआ। संचालन न्यूलुक स्टेलनेस स्टील प्राइवेट लिमिटेड जयपुर राजस्थान की एजेंसी कर रही है। यहां सितंबर तक करीब साढ़े आठ हजार आवेदकों का टेस्ट हुआ। चार से पांच फीसदी आदेवक ही पास हुए। रिकॉर्ड की मानें तो रोजाना एक से चार आवेदक ही कार चलाने में पास होते थे। टू व्हीलर में 12 से 16 को प्रमाण पत्र मिलता था।
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29 अक्टूबर को कार ड्राइविंग में पास होने के आंकड़ों ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए। फेल होने वाले चार आवेदकों ने जब आरोप लगाया तो मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। जांच शुरू हुई तो पोल खुल गई। तत्काल 28 से 30 अक्तूबर को परसाखेड़ा में टेस्ट देने वाले सभी आवेदकों के डीएल रोक दिए गए। अब पास होने वाले आवेदक भी चक्कर लगा रहे हैं।
एआरटीओ और आरआई जांच के लिए पहुंचे परसाखेड़ा
एआरटीओ प्रशासन मनोज और आरआई मानवेंद्र सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। मंगलवार को दोनों अधिकारी ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट देखने परसाखेड़ा पहुंचे। कंप्यूटर में ड्राइविंग का रिकॉर्ड खंगाला। 28 से 30 अक्तूबर का रिकॉर्ड प्रिंट कर निकलवाया गया। पास हुए आवेदकों के रजिस्ट्रेशन निरस्त हो सकते हैं। उन्हें फिर से टेस्ट देना होगा।
एआरटीओ (प्रशासन), मनोज कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। कौन-कौन कर्मी तीन दिन डयूटी पर थे। सीसी कैमरे भी चेक कराए जाएंगे। 29 अक्तूबर को काफी संख्या में रुपये लेकर आवेदकों को पास करने का आरोप है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। आरटीओ, कमल गुप्ता ने कहा कि यह मामला अभी मेरे संज्ञान में पूरी तरह से नहीं है। मामले की जांच एआरटीओ और आरआई करेंगे। जब मेरे पास रिपोर्ट आएगी तो संबंधित कंपनी को पत्र लिखा जाएगा।