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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Abbas Ansari remained away from his family despite being near his home offered Eid prayers in jail no one even came to meet him

महीनों बाद परिवार के साथ अब्बास, फोटो आई सामने, लेकिन ईद पर अकेले ही रहा, जेल की बैरक में पढ़ी नमाज

तीन दिन के पेरोल पर गाजीपुर पहुंचा मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी गुरुवार को ईद के मौके पर घर के पास होकर भी अपनों से दूर रहा। गाजीपुर जेल में ही उसने ईद की नमाज पढ़ी। कोई मिलने भी नहीं पहुंचा।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, गाजीपुरThu, 11 April 2024 05:12 PM
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मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने और मौत के बाद होने वाली रस्मों को निभाने के लिए पेरोल पर गाजीपुर आया अब्बास अंसारी ईद के मौके पर भी घर नहीं आ सका। गाजीपुर जेल में ही उसने ईद की नमाज अदा की। घर से कोई मिलने भी नहीं पहुंचा। उसे बैरक नंबर दस में रखा गया है। बैरक में ही ईद की नमाज पढ़ी और सीसीटीवी से निगरानी भी होती रही। हालांकि गाजीपुर आने पर उसे परिवार के साथ भी कुछ समय बिताने का मौका मिला। इसकी एक तस्वीर भी सामने आई है। इसमें उसकी गोद में एक बच्चा दिखाई दे रहा है। आसपास परिवार के लोग बैठे हैं। कहा जा रहा है कि यह दुआख्वानी के समय की फोटो है। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब्बास को मंगलवार को कासगंज जेल से गाजीपुर जिला जेल लाया गया था। उसे 13 अप्रैल को दोबारा कासगंज जेल पहुंचाया जाएगा। 

बता दें मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसके बाद ही अब्बास की तरफ से हाईकोर्ट औऱ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जनाजे में शामिल होने की इजाजत मांगा गई थी। हालांकि दोनों जगह सुनवाई नहीं हो सकी थी। इसके बाद अब्बास ने दसवें पर होने वाली फातिहा में शामिल होने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी। उसने कोर्ट से चार दिन की पेरोल मांगी थी। कोर्ट ने तीन दिन की पेरोल उसे दी। 

कोर्ट ने कासगंज जेल से उसे गाजीपुर कड़ी सुरक्षा लेकर जाने का आदेश दिया। साथ ही यह भी आदेश दिया कि वह गाजीपुर में भी जेल में ही रहेगा। केवल फातिहा और अन्य रस्मों की अदायगी के लिए पुलिस की कस्टडी में भेजा जाएगा। कोर्ट के आदेश पर अब्बास को कासगंज पुलिस 10 अप्रैल को कड़ी सुरक्षा में गाजीपुर जिला जेल लेकर पहुंची थी।

इसके बाद पैतृक कब्रिस्तान जाकर पिता की कब्र के साथ ही दादा व दादी की कब्र पर फूल की माला चढ़ाई थी। पिता के लिए फातिहा पढ़ी थी। इसके बाद दोबारा अब्बास को जेल में दाखिल करा दिया गया था। गुरुवार को ईद की नमाज पढ़ने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि परिजन उससे मिलने जेल आएंगे लेकिन कोई नहीं आया। जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि शाम छह बजे तक कोई परिजन अब्बास से मिलने नहीं आया। अब्बास ने अपने बैरक में ही ईद की नमाज पढ़ी।

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