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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़77 purchaser faced trouble for 22 years for lda fault now registry done

77 खरीदारों ने 22 साल तक भुगती LDA की गलती की सजा, अब जाकर हुई रजिस्‍ट्री

एलडीए की एक गलती का खामियाजा 77 आवंटी 22 वर्षों से भुगत रहे थे। पूरी रकम भरने के बावजूद उनके मकान की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। अब एलडीए ने गलती सुधारकर लैंड यूज में बदलाव शुरू करा दिया...

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता , लखनऊ Wed, 22 Dec 2021 02:17 AM
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एलडीए की एक गलती का खामियाजा 77 आवंटी 22 वर्षों से भुगत रहे थे। पूरी रकम भरने के बावजूद उनके मकान की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। अब एलडीए ने गलती सुधारकर लैंड यूज में बदलाव शुरू करा दिया है।

एलडीए ने सीतापुर रोड योजना के सेक्टर सी में करीब 30 वर्ष पहले लोगों को मकान आवंटित किए थे। करीब 22 वर्ष पहले पता चला कि जो मकान बनाए गए थे, वह आवासीय की जगह कामर्शियल पर बन गए थे। चूंकि आवासीय भूखण्ड की तुलना में व्यावसायिक दो गुने महंगे होते थे। ऐसे में इनकी कीमत अधिक हो गई। मगर एलडीए के तत्कालीन अफसर, इंजीनियरों ने खुद बदलाव करने के बजाय आवंटियों से ही व्यावसायिक दर पर कीमत मांगनी शुरू कर दी। वहीं आवंटियों का कहना था कि उन्होंने मकान लिया था तो उसका ही पैसा देंगे, दुकान का नहीं। तब से करीब 22 वर्ष हो गए आवंटी आज तक प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे थे।

एक से खुलेगा 5000 मकानों के लिए पंजीकरण

लखनऊ विकास प्राधिकरण एक जनवरी 2022 से 5000 प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों के लिए पंजीकरण खोलने जा रहा है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। अधिकारियों ने मौखिक तौर पर इसके निर्देश दिए हैं। मकानों का निर्माण एलडीए की बसंत कुंज योजना में हो रहा है। बसंतकुंज में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5000 नए मकानों का निर्माण शुरू कराने जा रहा है। इनके लिए टेंडर हो चुका है। मौके पर कुछ काम भी शुरू हुआ है। <

पीएम आवासों की चाबी जनवरी से मिलेगी

एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ,सचिव पवन गंगवार ने मंगलवार को शारदा नगर विस्तार के प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों का निरीक्षण किया। उन्होंने मकानों की गुणवत्ता देखी, बताया कि कुछ ब्लॉक लगभग तैयार हैं, कुछ ब्लॉक 80 ही बन पाए हैं। अधिकारियों ने पांच जनवरी तक 27 ब्लॉक तैयार करने का निर्देश दिया है। जनवरी में ही आवंटियों को मकान की चाबी मिलने लगेगी। इस दौरान अफसरों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

इस जमीन पर मकान की जगह दुकानें बननी थीं। इसी वजह से कुछ आवंटियों की रजिस्ट्री फंसी हुई थी। 2019 में बोर्ड से प्रस्ताव पास हो गया था, लेकिन अनुमोदन नहीं मिल पा रहा था। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने अनुमोदन दे दिया। जिससे पूर्व में हुई गलती का सुधार हो गया है।

नितिन मित्तल, मुख्य नगर नियोजक, एलडीए

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