आधार कार्ड आवेदन फार्म में एक गलती से प्रतिदिन लौट रहे 300 आवेदक, जानें क्या है पूरा मामला
आधार कार्ड में संशोधन और नए आधार कार्ड बनवाने वाले आवेदकों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है। आधार आवेदन फार्म में एक गलती से प्रतिदिन 300 आवेदक बैरंग लौट रहे हैं। आवेदक फार्म में ओवर राइटिंग, कटिंग व...
आधार कार्ड में संशोधन और नए आधार कार्ड बनवाने वाले आवेदकों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है। आधार आवेदन फार्म में एक गलती से प्रतिदिन 300 आवेदक बैरंग लौट रहे हैं। आवेदक फार्म में ओवर राइटिंग, कटिंग व पुराना फोटो लगा रहे हैं। इससे फोटो पर स्टांप नहीं रुक रहा है। सेवा केंद्र के कर्मचारी ऐसे आवेदकों को जांच के बाद ही लौटा देते हैं। इससे आवेदकों और कर्मचारियों में तनातनी का माहौल बन रहा है।
संजय प्लेस स्थित आधार सेवा केंद्र में प्रतिदिन 1500 आधार कार्ड में संशोधन व नए बनाने का कार्य हो रहा है। विगत एक सप्ताह से इस संख्या में गिरावट हुई है। अब 700 से 800 आवेदक ही पहुंच रहे हैं। ग्रामीण इलाके की भीड़ त्योहार और आलू बुवाई के कारण थम गई है। केंद्र प्रभारी ओमवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में सर्वाधिक दिक्कत आवेदन फार्म को लेकर आ रही है। आवेदक फार्म में कटिंग, ओवर राइटिंग व पुराने फोटो चिपका कर ला रहे हैं। कई आवेदक पक्के फोटो पर मोहर लगवा लाते हैं, जो सेवा केंद्र तक पहुंचते-पहुंचते गायब हो जाती है। इससे उनका फार्म मौके पर ही रिजेक्ट करना पड़ता है। प्रतिदिन करीब 300 फार्म रिजेक्ट हो रहे हैं। उनका कहना हैं कि आवेदक तत्काल फोटो खिंचवाकर कच्चे फोटो पर मोहर लगवाएं। ताकि, मोहर मिटे नहीं। फार्म भरने के दौरान कटिंग और ओवर राइटिंग से बचें। ताकि, उनका फार्म स्कैन के बाद आसानी से ऊपर भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि फार्म रिजेक्ट करने पर आवेदक झगड़े को उतारू हो जाते हैं। जबकि, उसे तत्काल ठीक करा लेना चाहिए।
बेंग्लूरु से न के बराबर रिजेक्ट हो रहे आवेदन
उन्होंने बताया कि विगत एक माह से क्वालिटी चेक (क्यूसी) की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसका सुखद परिणाम आवेदकों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले बेंग्लूरु से 100 आवेदन में 10 से 12 आवेदन रिजेक्ट हो जाते थे। मगर, अब 100 आवेदन में बमुश्किल एक फार्म रिजेक्ट हो रहा है। कर्मचारियों को साफ निर्देश हैं कि एक भी फार्म कटिंग, ओवर राइटिंग व गलत मोहर का अपलोड नहीं करना है। आवेदक से इसे स्थानीय स्तर पर ठीक करा लेना है। ताकि, उन्हें बाद में परेशानी न हो। उनका आधार कार्ड बनने के बाद उनके पते पर पहुंच सके।