कोरोना : लॉकडाउन के चलते कानपुर की 10 हजार फैक्ट्रियां बंद
लॉकडाउन के कारण कानपुर की छोटी-बड़ी 10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां में उत्पादन पूरी तरह ठप है। दूध और ब्रेड जैसी जरूरी सेवाओं वाली इकाइयां ही चल रही हैं। फैक्ट्री मालिकों ने स्टाफ को वेतन देने के लिए...
लॉकडाउन के कारण कानपुर की छोटी-बड़ी 10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां में उत्पादन पूरी तरह ठप है। दूध और ब्रेड जैसी जरूरी सेवाओं वाली इकाइयां ही चल रही हैं। फैक्ट्री मालिकों ने स्टाफ को वेतन देने के लिए आरटीजीएस का सहारा लिया है। दिहाड़ी मजदूरों को पहले ही 7 से 15 दिनों का एडवांस देकर रवाना किया जा चुका है। बैंकों से सीमित कामकाज होने से ओवरड्राफ्ट और लोन ना होने का असर जरूर कुछ हद तक पड़ा है।
लॉकडाउन से पहले ही शहर के अधिकांश उद्यमियों ने खुद को मानसिक रूप से तैयान कर लिया था कि आगे क्या करना है। इसीलिए दिहाड़ी मजदूरों को कॉन्ट्रैक्टरों के जरिए 7 से दो हफ्ते का एडवांस दिया जा चुका है। ऑनरोल कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक खाते में जाता है। फैक्टरी एरिया में हर महीने की 7 तारीख को सेलरी मिलती है इसीलिए उद्यमी अभी शांत बैठें हैं। उन्हें भरोसा है कि तब तक स्थतियां काफी बदल जाएंगी। आईआईए के पूर्व चेयरमैन तरुण खेत्रपाल के मुताबिक कर्मचारियों के खाते में सैलरी ट्रांसफर करेंगे। लेबरों को पैसा हर हाल में देना है। उन्हें पैसा दिया जाएगा।