Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Statement of female professor from Chicago in Kanpur court through video conferencing

शिकागो से महिला प्रोफेसर का वीडियो कांफ्रेंसिंग से कानपुर कोर्ट में बयान, अखिलेश को ईमेल करने पर हुई थी FIR

  • शिकागो से महिला प्रोफेसर का वीडियो कांफ्रेंसिंग से कानपुर कोर्ट में बयान दर्ज किया गया है। वकीलों का दावा है कि यूपी में पहला में ऐसा मामला है। महिला ने अखिलेश यादव को ईमेल किया था जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 16 Jan 2025 07:56 AM
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शिकागो में मौजूद महिला प्रोफेसर ने कानपुर कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराए। न्यायिक मजिस्ट्रेट-8 मनीषा गुप्ता की कोर्ट में वीडियो पर ही उनसे जिरह भी हुई। वकीलों का दावा है कि प्रदेश में पहली बार विदेश में मौजूद किसी वादी के बयान वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए हुए हैं।

आनंदपुरी निवासी प्रो. कविता शाह अब शिकागो में रहती हैं। 2004 में उनकी मां राजकुमारी शाह भी उनके साथ शिकागो चली गईं थीं। यहां उनके मकान पर कब्जा हो गया। उन्होंने तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को ई-मेल कर शिकायत की। इस पर जूही थाने में दो जून 2014 को नरेंद्र सिंह, कन्हैया गुप्ता और अजीत गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। प्रो. कविता का आरोप था कि जाली कागज बनाकर आनंदपुरी स्थित मकान कब्जा कर लिया गया। केस ट्रायल पर है। वादिनी कविता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज करने की अपील की थी। बुधवार को कोर्ट के वीडियोकांफ्रेंसिंग रूम में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे के बीच उनके बयान दर्ज हुए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता रविंद्र वर्मा ने उनसे जिरह भी की। इससे पहले दो विवेचक, ताला तोड़ने वाले और सिपाही का बयान दर्ज हो चुका है। वादिनी का पांचवें गवाह के रूप में बयान दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान ही कन्हैया गुप्ता का नाम हटा दिया गया था। अजीत गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट हाईकोर्ट में निरस्त (क्वैश) हो गई थी। कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 20 को दी है।

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दो बार खारिज हो चुकी थी अर्जी

प्रो. कविता बयान के लिए शिकागो से कोर्ट नहीं आ पा रही थीं। सहायक अभियोजन अधिकारी ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर वीडियो कांफ्रेंसिंग से गवाही के लिए कहा था। जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। कोर्ट ने दो बार अर्जी खारिज कर दी थी। अंतत: कविता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए बयान और जिरह कराने का निर्देश दिया था।

अधिवक्ता बचाव पक्ष रविंद्र वर्मा ने बताया कि शिकागो में भारतीय दूतावास से वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए प्रोफेसर का बयान और जिरह हुई है। करीब तीन घंटे तक बयान और जिरह चली है। अगली गवाही 20 जनवरी को होगी।

सुप्रीम आदेश पर अजीत का शुरू हुआ ट्रायल

आरोपी अजीत गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट हाईकोर्ट में निरस्त (क्वैश) हो गई थी। इसके खिलाफ अभियोजन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। तब ट्रायल का आदेश हुआ। दूसरे अभियुक्त अजीत गुप्ता की फाइल सुनवाई के लिए अलग की जाएगी। इसके लिए जल्द ही तारीख तय होगी।

सौदा 14 लाख रुपये में तय हुआ था

बचाव पक्ष के अधिवक्ता रविंद्र वर्मा ने बताया कि राजकुमारी शाह और नरेंद्र के बीच मकान का सौदा 14 लाख रुपये में तय हुआ था। नरेंद्र ने सात लाख रुपये राजकुमारी को दिए थे। राजकुमारी की बहू ने बिहार के मुंगेर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जून 2004 में राजकुमारी बेटी के पास चली गईं हैं। इसी मामले में बयान दर्ज हुए। जिस वक्त कानपुर कोर्ट में बयान और जिरह हुई, शिकागो में रात के 11 बजे थे। यह व्यवस्था कोर्ट के पत्र के बाद वहां भारतीय दूतावास ने कराई। कोआर्डिनेटर खुद मौजूद रहे। 10 साल बाद वादिनी का बयान हो सका।

कुछ इस तरह हुए सवाल-जवाब

बचाव पक्ष ने कविता से कई सवाल पूछे। मसलन किस आधार पर आप कह रही हैं कि मकान की डीड पर मां के हस्ताक्षर नहीं है? हस्ताक्षर की विशेषज्ञ से जांच तो हुई नहीं है। गवाही के लिए क्यों नहीं आना चाहती हैं? व्यक्तिगत कारण कहने पर बचाव पक्ष ने कहा कि उनकी भाभी ने मुंगेर बिहार में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा रखा है। इसमें गैर जमानती वारंट जारी है। कुर्की भी हो चुकी है।

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