माघ में किए तीन स्नान भी दस हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाले होते हैं
Shamli News - कस्बे के गांधी चौक स्थित गीता भवन में माघ मास की कथा में अवनीश जी ने बताया कि इस महीने खान-पान और जीवनचर्या में बदलाव लाकर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। हल्का भोजन, तिल और गुड़ का सेवन, तथा...
कस्बे के गांधी चौक स्थित गीता भवन में चल रही माघ मास की कथा में कथावाचक अवनीश जी ने श्रद्धालुओं को बताया कि माघ महीने में खान- पान से लेकर जीवनचर्या को लेकर भी खास नियम हैं। इस महीने अपनी जीवनचर्या में कुछ बदलाव लाकर अपनी तमाम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। कहते हैं माघ के महीने में हल्का भोजन करना चाहिए। पूरे दिन में एक समय भोजन किया जाए, तो आरोग्य की प्राप्ति होती। माघ मास में तिल और गुड़ का प्रयोग बहुत लाभकारी माना गया है। इन दोनों चीजों से स्नान, दान, भोजन में इनका सेवन करना उत्तम फल प्रदान करता है। गर्म पानी को धीरे-धीरे छोडक़र सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए। शास्त्रों में ऐसी व्यवस्था भी दी गई है कि जो लोग पूरे महीने भर माघ स्नान ना कर सकंे या माघ के बाकी नियमों का पालन ना कर सकंे, उन लोगों को महीने में तीन बार अथवा एक बार माघ स्नान करके लाभ जरूर उठाना चाहिए। माघ में किए तीन स्नान भी दस हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाले होते हैं। इससे व्यक्ति को हर तरह की सिद्धि और हर क्षेत्र में विजय मिलती है। इस महीने माघ मेले का आयोजन भी होता है। माघ मेला हिंदुओं का सर्वाधिक प्रिय धार्मिक एवं सांस्कृतिक मेला है। यह भारत के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों में मनाया जाता है। नदी या सागर स्नान इसका मुख्य उद्देश्य होता है। इसमें बहुत भारी संख्या में संत- महात्मा स्नान करने आते हैं। इस अवसर पर राजेंद्र भगत, महेश नायक, बाबूराम नायक, श्यामसुंदर नारंग, प्रमोद मित्तल, राजेंद्र प्रसाद, रवी शर्मा, राजकुमार रुहेला, देवेन्द्र शर्मा आदि का सहयोग रहा।
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