ध्यान और संयम से भक्ति करने से कल्याण निश्चित-जैन मुनि
शहर के जैन धर्मशाला में मुनि 108 श्री पवित्रानंद महाराज ने गुरु की आज्ञा का पालन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि संयम और भक्ति से मनुष्य अपने जीवन को सुधार सकता है। श्रद्धानंद मुनिराज ने जीवन के...
शहर के जैन धर्मशाला में आयोजित प्रवचनों को संबोधित करते हुए जैन मुनि 108 श्री पवित्रानंद महाराज ने कहा कि गुरु की आज्ञा का पालन करना परम कर्तव्य है। बड़ों की आज्ञा में रहना ही सफलता का कारण है। वीरभक्ति में आचार्य कुंदकुंद स्वामी ने कहा है कि जो वीर भव्य पुरुष जिनेन्द्र भगवान के चरणों में ध्यान और संयम से भक्ति करता है। उसका कल्याण होना निश्चित है। वह ही भव्य पुरुष है। इसी प्रकार हम भी संयम धारण करके बेड़ा पार कर सकते हैं। इस मनुष्य पर्याय को छोटे-छोटे नियम लेकर अपने जीवन को सुधार सकते हैं। जीवो की रक्षा करना हमारे धर्म का प्रथम कर्तव्य है। हमें देखना है कि हम अहिंसा परमो धर्म का पालन भी कर रहे हैं या नहीं। भगवान के चरण ही खेवटिया हैं। हमें इतना संयम पालना चाहिए जिससे देव गुरु शास्त्र का सानिध्य मिलता रहे। तदुपरांत श्रद्धानंद मुनिराज ने प्रवचन में कहा कि आत्म कल्याण के इच्छुक सभी धर्म प्रेमी महानुभावों आचार्य पूज्यपाद स्वामी ने इष्टोपदेश ग्रंथ में कहा है कि पक्षी रात्रि में विश्राम करके सवेरे भ्रमण पर चले जाते हैं। फिर रात्रि होते ही विश्राम के लिए आ जाते हैं। यही क्रिया निरंतर चलती रहती है ।ऐसे ही मनुष्य जीवन में हम भी यही क्रिया कर रहे हैं, लेकिन जीवन के अंतिम पड़ाव पर एहसास होता है कि हमने जीवन में क्या खोया और क्या पाया है ऐसे ही जीवन में चहल पहल होती है। इस अवसर पर आलोक जैन, सचिन जैन, मोहित जैन, पंकज जैन, राजीव जैन, अशोक जैन, प्रवीन जैन, ललित जैन आदि मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।