जिला समाज कल्याण अधिकारी पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप, यूपी सरकार के मंत्री ने दिए जांच आदेश
- यूपी के अमेठी में जिला समाज कल्याण अधिकारी पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है। बाबू ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पर दबंगई और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बाबू का आरोप है कि 40 हजार रुपये बलपूर्वक अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कराया गया है। इस मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।

अमेठी जिले में तैनात जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ल पर विभाग के बाबू गोकुल प्रसाद ने रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया है। बाबू ने जिलाधिकारी अमेठी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि समाज कल्याण अधिकारी द्वारा डरा धमका कर मोबाइल से 40 हजार रुपये बलपूर्वक अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कराया गया है। मामले की जानकारी पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। अयोध्या मंडल के उपनिदेशक को जांच सौंपी गई है।
अमेठी जिले के समाज कल्याण विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। यहां लंबे समय से तैनात बाबू ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पर दबंगई और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका आरोपी है समाज कल्याण अधिकारी ने अपने पत्नी के खाते में उनसे 40000 जमा कर लिए और अब उन्हें धमकी दे रहे हैं। प्रधान सहायक गोकुल ने डीएम एसपी के दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि गत 26 दिसंबर को समाज कल्याण अधिकारी मनोज शुक्ला ने उन्हें चेंबर में बुलाया और उनसे मोबाइल छीनकर फोनपे का पासवर्ड प्राप्त कर लिया।
अपनी पत्नी डॉ. अंजू शुक्ला के खाते में पहले एक रुपये और उसके बाद 39999 रुपए अंतरित कर लिए। उनका आरोप है कि समाज कल्याण अधिकारी द्वारा लगातार उन्हें डराया धमकाया जा रहा है और नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है। प्रधान सहायक का कहना है कि वह 2 मार्च को अपनी पुत्री की शादी में व्यस्त थे। इस वजह से उस समय शिकायत नहीं कर सके। प्रधान सहायक ने डीएमओएसपी को शिकायती पत्र देकर जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के की मांग की है।
जांच से बचने के लिए रच रहा है षड्यंत्र
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रधान सहायक द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत है। प्रधान सहायक ने मेरे नाम पर एक पीड़ित से 50000 रुपये लिया था। जिसका निराकरण करते हुए पीड़ित को नगद वापसी के लिए मेरे द्वारा दबाव बनाया गया। प्रधान सहायक गोकुल द्वारा लगातार आनाकानी की जा रही थी। पीड़ित को नगद वापसी करने के उद्देश्य से गोकुल से 40000 ऑनलाइन प्रतिकार पीड़ित को 31 दिसंबर को कार्यालय की कर्मचारियों की उपस्थिति में दिया जा चुका है। प्रधान सहायक के खिलाफ कई मामलों भ्रष्टाचार से जुड़ी जांच चल रही है। जिससे बचने के लिए वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं।