Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Secretary arrested red handed taking bribe in Sambhal action by Anti Corruption Team

सचिव रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम का ऐक्शन

  • यूपी के संभल जिले में एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। सहकारी समिति शरीफपुर के सचिव को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया गया है। आरोपी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 Feb 2025 07:49 AM
share Share
Follow Us on
सचिव रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम का ऐक्शन

संभल में एंटी करप्शन टीम ने सहकारी समिति शरीफपुर के सचिव को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। उसने अपने ही दफ्तर के आंकिक से वेतन वृद्धि में हुई गड़बड़ी को ठीक करने के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। एंटी करप्शन टीम आरोपी सचिव को नखासा थाने लेकर पहुंची। यहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोपी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

चन्दौसी के भगवती बिहार निवासी राकेशपाल शरीफपुर गांव की बहुउद्देश्य प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति में सचिव है। उसके ऑफिस में योगेंद्र सिंह आंकिक के पद पर कार्यरत हैं। योगेंद्र सिंह के वेतन में हुई वार्षिक वृद्धि किन्हीं कारणों से अगस्त के बाद से जोड़ी नहीं जा रही थी। आरोप है कि इस त्रुटि को ठीक करने के लिए सचिव ने 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम मुरादाबाद से की। इस पर टीम ने सचिव को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। प्लानिंग के तहत मंगलवार को एंटी करप्शन की टीम संभल पहुंची। इस दौरान जैसे ही योगेंद्र सिंह ने सचिव को केमिकल लगे पांच- पांच सौ के नोट दिए, वैसे ही टीम ने पकड़ लिया। टीम सचिव और शिकायतकर्ता को थाने ले गई। नखासा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और इसके बाद उसका जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुशील कुमार ने बताया बुधवार को सचिव को कोर्ट में पेश करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़ें:दरोगा डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, कार से रुपए बरामद, भेजे गए जेल

शिकायकर्ता आंकिक गबन के मामले में जा चुका है जेल

संभल। सचिव राकेशपाल पर वेतन वार्षिक वृद्धि के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन से करने वाले आंकिक योगेंद्र सिंह के खिलाफ वर्ष 2004 में दो लाख 34 हजार रुपये का गबन करने का आरोप लगा था। जिसमें योगेंद्र सिंह, सचिव अनजनी कुमार और चौकीदार फरियाद अली के खिलाफ केस दर्ज हुआ था और तीनों को जेल भी जाना पड़ा था। योगेंद्र सिंह को गबन के मामले में निलंबित भी किया गया था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें