Hindi NewsUttar-pradesh NewsSambhal NewsShia Cleric Kalbe Jawwad Opposes Waqf Amendment Law Plans Supreme Court Challenge

वक्फ कानून मुसलमानों के हित में नहीं, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे : मौलाना कल्बे जवाद

Sambhal News - शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने वक्फ संशोधन कानून का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ है और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। मौलाना ने आरोप लगाया कि यह संशोधन...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलMon, 7 April 2025 02:26 AM
share Share
Follow Us on
वक्फ कानून मुसलमानों के हित में नहीं, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे : मौलाना कल्बे जवाद

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने वक्फ संशोधन कानून पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि ये संशोधन मुसलमानों के हित में नहीं है और हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। शिया धर्मगुरु रविवार को नगर पंचायत के मोहल्ला मुंशीयान स्थित इमामबाड़ा में आयोजित मजलिस में बोल रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संशोधन मुसलमानों को परेशान करने और औकाफ की संपत्तियों को बर्बाद करने के लिए लाया गया है। मौलाना ने कहा कि 500 साल पुरानी मस्जिदों और इमामबाड़ों के दस्तावेज़ आखिर कहां से लाए जाएंगे? यह बिल मुसलमानों के गले में फंदा डालने जैसा है। हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। मौलाना ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर कट्टरपंथियों को खुश करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले अच्छे कार्य किए थे, जैसे तीन तलाक कानून और मोहर्रम की आज़ादारी की बहाली, लेकिन यह वक्फ कानून संविधान विरोधी है और मुस्लिम समाज के खिलाफ है। यह बिल वैसा ही है जैसे दूध में मक्खी गिर जाए, फिर पूरा दूध फेंकना पड़ता है। मजलिस में मौलाना शबाब हुसैन नकवी की सदारत में यूसुफ राजा के ईसाले सवाब के लिए मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध शायर इरम सिरसीवी ने मर्सिया पढ़ा। इस दौरान मौलाना फिरोज अब्बास, कमाल जैदी, मौलाना शौकत, मौलाना शमीम, शोबी सिरसीवी सहित कई गणमान्य लोग शामिल रहे।

मजलिस में दी गई शिक्षित बनने की नसीहत

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस्लामिक शिक्षा पर भी प्रकाश डाला। कहा कि जितना इंसान का अक्ल का मयार ऊंचा होगा, उतनी ही उसकी इबादत का मयार भी ऊँचा होगा। मौलाना ने केरल की 1400 वर्ष पुरानी मस्जिद और लखनऊ के 250 वर्ष पुराने बड़े इमामबाड़े का ज़िक्र करते हुए पूछा कि हमसे 500 साल पुराने कागज मांगे जा रहे हैं, क्या मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से भी ऐसे दस्तावेज मांगे जाएंगे? उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में लखनऊ में 500 मंदिर बन गए लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता बंद कर दी गई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें