निजी स्कूलों की मनमर्जी पर जिला प्रशासन सख्त
Sambhal News - जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया की अध्यक्षता में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बैठक आयोजित हुई। इस दौरान एनसीईआरटी के बजाय महंगी निजी पुस्तकों, बिना अनुमति फीस वृद्धि और अनुशासनहीनता पर चर्चा...

जनपद में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक का मुख्य फोकस निजी स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी/एससीईआरटी के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें, अनधिकृत रूप से बढ़ाई गई फीस और अनुशासनहीन प्रबंधन था। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक श्यामा कुमार ने अवगत कराया कि जिले के 34 सीबीएसई/आईसीएसई सेकेंडरी स्कूलों की निगरानी हेतु अधिकारी लगाए गए थे। इनमें से 22 विद्यालयों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जबकि शेष से रिपोर्ट शीघ्र मिलने की संभावना है। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिसमें अधिकांश स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकों के स्थान पर निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें थोप रहे हैं। कई स्कूलों में बिना समिति की अनुमति के फीस वृद्धि भी दर्ज की गई है। जिलाधिकारी डॉ. पैंसिया ने निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी अभिभावकों से संवाद कर बच्चों के हितों की रक्षा करें। अब तक मिली रिपेार्ट पर डीएम ने नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने यह भी कहा कि सभी स्कूलों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी को समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल करने का आदेश भी दिया। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई स्कूल निर्धारित मानकों का उल्लंघन करता पाया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा, एसडीएम सम्भल वंदना मिश्रा, हिन्द इंटर कॉलेज सम्भल के प्रधानाचार्य विनोद खन्ना, और अभिभावक प्रतिनिधि बबीता पाण्डेय समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।
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