टाटा, येचुरी, बुद्धदेव, नटवर को याद कर शुरू हुई RSS की बैठक, अगले साल शताब्दी वर्ष की तैयारी
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी मंडल की दो दिन की बैठक मथुरा में शुरू हो गई है। सत्रों से पहले रतन टाटा, बुद्धदेव भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी, नटवर सिंह, रामोजी राव, राघवाचार्य महाराज समेत कई दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की दो दिन की बैठक मथुरा जिले के परखम गांव में शुरू हो गई है। अगले साल संघ के 100 साल पूरे हो रहे हैं और उससे संबंधित आयोजनों को इस बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। शुरुआत में रतन टाटा, बुद्धदेव भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी, नटवर सिंह, सुशील मोदी, रामोजी राव, रिटायर्ड एडमिरल रामदास, राघवाचार्य महाराज समेत कई दिवगंत हस्तियों को श्रद्धांजलि देकर याद किया गया। दो दिन की बैठक के लिए सरसंघचालक मोहन भागवत पहले ही पहुंच गए थे। बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल, सीए मुकुन्दा, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार और अतुल लिमये शामिल हैं।
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल में आरएसएस के सारे 46 प्रांतों के प्रांत एवं सह प्रांत संघचालक, कार्यवाह तथा प्रचारक शामिल हैं। इसमें कार्यकारिणी सदस्यों सहित कुल 393 संघ कार्यकर्ता और नेता शामिल हो रहे हैं। बैठक परखम के दीनदयाल गौ विज्ञान शोध और प्रशिक्षण केंद्र में हो रही है। मोहन भागवत ने भारत मां की तस्वीर पर माल्यार्पण करके बैठक की शुरुआत की। बैठक में सबसे पहले मार्च 2024 में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की सिफारिशों को मंजूरी दी गई।
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शुक्रवार की सुबह संघ की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि दो दिन की बैठक में भागवत के दशहरा भाषण में शामिल मुद्दों और निर्देशों पर अमल के लिए कार्ययोजना तैयारी की जाएगी। इसके साथ ही देश के हालिया मसलों पर भी चर्चा होगी। प्रतिनिधि सभा के द्वारा तैयारी साल भर की कार्ययोजना की इस बैठक में समीक्षा भी होगी। बैठक का मूल एजेंडा ‘पांच परिवर्तन’ है जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन (पारिवारिक मूल्यों का विकास), पर्यावरण, आत्म अनुशासन की जीवन शैली और नागरिक दायित्व है। बैठक में शामिल आरएसएस नेता इन पांच मूल मंत्र को जमीन पर उतारने की योजना तैयार करेंगे।