महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले टूटा रिकॉर्ड, एक दिन में 4.83 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी
- मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने का उत्साह चरम पर दिखा। मौनी अमावस्या के एक दिन पहले ही महाकुंभ में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। संगम डुबकी लगाने वालों की बढ़ रही संख्या के चलते मंगलवार को मकर संक्राति के पहले शाही स्नान का भी रिकॉर्ड टूट गया है।
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महाकुम्भ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन नए कीर्तिमान बनाती जा रही है। मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने का उत्साह चरम पर दिखा। मौनी अमावस्या के एक दिन पहले ही महाकुंभ में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। संगम डुबकी लगाने वालों की बढ़ रही संख्या के चलते मंगलवार को मकर संक्राति के पहले शाही स्नान का भी रिकॉर्ड टूट गया है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान किया था, जबकि मंगलवार को 4 करोड़ 83 लाख श्रद्धालुओं ने आस्थावान पुण्य की डुबकी लगाई थी। इनमें दस लाख से अधिक कल्पवासी भी शामिल हैं। इस तरह महाकुम्भ में अब तक 16 दिन में 19.59 करोड़ आस्थावान पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं।
तीन दिन से आ रहा श्रद्धालुओं का रेला मंगलवार को चरम पर पहुंच गया। सुबह से ही शास्त्री पुल, फाफामऊ पुल, नैनी नया और पुराना पुल समेत संगम की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बड़े-बूढ़े, युवक-युवतियां, महिला-पुरुष और बच्चे ही दिखाई पड़ रहे थे। सुबह ही पूरा मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से भरा नजर आया। सनातन धर्मावलम्बियों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दोपहर 12 बजे तक 1.88 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे। जबकि पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर पूरे दिन में 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था।
मंगलवार सुबह आठ बजे तक 55.07 लाख, दस बजे तक 1.13 करोड़, 12 बजे तक 1.88 करोड़, दो बजे तक 2.39 करोड़, चार बजे तक 3.90 करोड़ और शाम छह बजे तक 4.64 करोड़ ने स्नान किया था। सरकार ने मौनी अमावस्या पर आठ से दस करोड़ आस्थावानों के स्नान का अनुमान लगाया है। जिस उत्साह से श्रद्धालु आ रहे हैं उसमें यह संख्या बहुत आसानी से पार होने की उम्मीद है।
साइकिल पर गुजरात के अरावली से संगम पहुंचे कज्जन
संगम स्नान करने के लिए आस्था में सराबोर लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन 20 किमी तक पैदल चलकर महाकुम्भ नगर पहुंच रहे हैं। शहर से संगम जाने वाली हर सड़क पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं से पटी है। संगम स्नान करने के लिए देश-विदेश से आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं में गुजरात के अरावली से एक श्रद्धालु 1250 किमी साइकिल चलाकर महाकुम्भ नगर पहुंचे। अरावली से कज्जन 19 जनवरी को साइकिल पर महाकुम्भ नगर के लिए रवाना हुए और 28 जनवरी को यहां पहुंचे। सुबह संगम स्नान किया और पूजा की। पूजा के बाद कज्जन ने अपनी साइकिल दान कर दी। इसके बाद कज्जन अपने रिश्तेदारों को लेने के लिए सिविल लाइंस आए।
सिविल लाइंस से रिश्तेदारों को लेकर फिर पैदल महाकुम्भ नगर गए। अब कज्जन मौनी अमावस्या के दिन संगम स्नान कर अपने घर वापस जाएंगे। कज्जन ने आपके अपने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि वो साइकिल से 12 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। महाकुम्भ के लिए महीनों पहले तय किया था कि साइकिल से जाएंगे। उसी समय यह भी तय किया था कि महाकुम्भ नगर में साइकिल दान कर देंगे। कज्जन के अनुसार साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है। यहां से लौटने के बाद नई साइकिल खरीदेंगे।