गरीबों की मदद से खुलते हैं रहमत के दरवाजे
मौलाना अहमद रजा मजहरी ने बिचपुरी गांव में एक कॉन्फ्रेंस में गरीबों की मदद करने और मां-बाप की इज्जत करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि गरीबों का हक खाना बड़ा गुनाह है और अल्लाह की रहमत गरीबों की मदद से...
मौलाना अहमद रजा मजहरी ने कहा कि गरीबों की मदद करने से रहमत के दरवाजे खुलते हैं। उन्होंने मां बाप की इज्जत और बड़ों का एहतराम करने को नसीहत दी। थाना टांडा के बिचपुरी गांव में पैगाम ए हक कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मौलाना अहमद रजा ने कुरआन और हदीस पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा गरीबों और यतीमो का हक खाना बहुत बड़ा गुनाह है। कहा गरीबों की मदद करने से अल्लाह रहमत के दरवाजे खोल देता है। मौलाना दानिश रजा ने मुसलमानों से कुरआन और हदीस की रोशनी में जिंदगी गुजारने को कहा। उन्होंने कहा अगर हमारा ईमान पक्का होगा तो कोई भी हमें हिला नहीं सकता। उन्होंने अपने पड़ोसी के साथ भाईचारा एवं मोहब्बत कायम रखने को कहा। कॉन्फ्रेंस को कारी नईमुद्दीन और जैनुल आवेदीन ने भी खिताब किया। देर रात तक चली कॉन्फ्रेंस में आसपास के तमाम लोग मौजूद रहे। कॉन्फ्रेंस का संचालन मुर्शीद रजा ने किया। इस मौके पर डॉक्टर मोहम्मद उस्मान आदि मौजूद रहे।
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