मुरादाबाद में रामगंगा और कोसी नदी का कहर, बाढ़ से घिरे 50 से ज्यादा गांव; सड़कों-घरों-स्कूलों में पानी
- मुरादाबाद में रामगंगा और कोसी के कहर से 50 से ज्यादा गांवों में दुश्वारियां बरकरार हैं। कोसी का जल स्तर घटने से कुछ राहत यह मिली की बरेली मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से पानी उतर गया। गांवों के पहुंच वाले रास्ते डूबे हुए हैं।
Flood in Moradabad: यूपी के मुरादाबाद में रामगंगा और कोसी के कहर से पचास से ज्यादा गांवों में दुश्वारियां बरकरार हैं। कोसी का जल स्तर घटने से कुछ राहत यह मिली की बरेली मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से पानी उतर गया। गांवों के पहुंच वाले रास्ते डूबे हुए हैं। खेतों में खड़ी फसलें चौपट हो गई हैं। खेत पानी से लबालब दिख रहे हैं। कुछ गांवों में तो घरों तक पानी घुस गया है। स्कूलों में भी जलभराव से मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ग्रामीणों की दुश्वारियां भी बढ़ रही हैं। जिले के पचास से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ से खेती बुरी तरह से चौपट हो गई है। खेत लबालब दिख रहे हैं। फसलों के नुकसान का आंकलन भी शुरू कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। बिजली आ नहीं रही और खाद्य सामग्री को लेकर भी गांवों में समस्याएं बढ़ रही हैं। रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है, जबकि कोसी, फीका और ढेला नदी का जलस्तर कम हुआ है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार के बाद नदियां उफनाईं तो मुरादाबाद के लो लाइन एरिया के गांवों में तबाही मच गई। उधर बिजनौर में बैराज से भी पानी ज्यादा इकठ्ठा होने से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। जिसका खामियाजा मुरादाबाद के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। जिले में पचास से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा चुका है। गांवों का संपर्क टूट गया है। बाढ़ खंड की टीमें तक गांव में नही पहुंच पा रही हैं। ढेला नदी के पानी से पूरनपुर चकरपुर में बीमार लोगों को कंधों से गुजारा जा रहा है। जिला मुख्यालय से लगभग बीस गांवों का संपर्क टूट चुका है। बीमार, वृद्ध और बच्चों को लाने ले जाने के लिए कुछ गांवों में नावों का सहारा लिया जा रहा तो कुछ पांच फिट पानी में बच्चों को गोद में लेकर सफर कर रहे हैं। सब्जियों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं धान, गन्ना सभी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
बाढ़ के पानी से इन गांवों में बिगड़े हालात : कोसी और ढेला नदी से मूंढापांडे और ठाकुरद्वारा क्षेत्र के गांवों में स्थिति खराब हुई है। मूंढापांडे के गांव हरपाल नगर, गदईखेड़ा, वीरपुर बरियार, रनियाठेर, जैतपुर, बिसाहट, गनेशघाट, सिहोराबाजे, शहरिया, लालपुर तीतरी। वहीं ठाकुरद्वारा में नहनुवाला, बुढ़नपुर, गेढ़ा आलम, मानुपर, रायभूढ़, शिकारपुर आदि गांवों पानी जमा है। भोजपुर पीपलसाना क्षेत्र के पुरनपुर चकरपुर में मार्ग से संपर्क कट गया।
क्या बोले अधिकारी
मुरादाबाद के एडीएम फाइनेंस सत्यम मिश्रा ने कहा कि शाम तक एक से डेढ़ फिट पानी उतर चुका है। धीरे धीरे समस्या कम हो रही है। हमारी टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय हैं। गांवों के रास्ते में पानी है फसलें प्रभावित हैं उनका सर्वे होगा। ग्रामीणों को किसी तरह की समस्या नहीं हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। मैं खुद मानपुर पट्टी गांव पहुंचा था। लगातार विभागीय अफसर ग्रामीणों के संपर्क में हैं।
बिजलीघर में घुसा कोसी का पानी
लगातार बारिश के चलते कोसी में आई बाढ़ के चलते मूंढापांडे के भीतखेडा बिजलीघर की आपूर्ति ठप हो गई। बिजलीघर में पानी घुस जाने से इस बिजलीघर से जुड़े कई गांव की बिजली ठप हो गई। बिजली अफसरों ने कहा कि बिजलीघर से पानी निकलने के बाद चेकिंग के बाद आपूर्ति सुचारू हो पाएगी। चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से मुरादाबाद मूंढापांडे- रामपुर से होकर कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया जिससे ब्लाक के कई गांवों में पानी घुस गया, इसके साथ ही भीतखेडा बिजलीघर में भी पानी आ जाने से सप्लाई ठप हो गई। दलपतपुर एसडीओ आरएन राठौर ने बताया कि बिजलीघर में पानी आने से इस बिजलीघर से जुड़े कई गांव की बिजली भी ठप हो गई है।
मूंढापांडे क्षेत्र में बढ़ीं मुश्किलें, बनियाठेर में दीवार गिरी
मूंढापांडे थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मची है। बनिया ठेर में कई घरों की दीवारें ढह गईं। कोसी से कहर से कई गांवो में पानी भर गया है। जैतपुर बिसाहट में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पानी घुस गया है। घरों तक पानी है। भीतखेड़ा बिजली घर में पानी घुस गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आबादी से बाहर बने कई घरों में तो पानी से नरकीय स्थिति है। तमाम लोगों का घर का सामान खराब हो गया। भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों में ड्यूटी से नदारद सचिव निलंबित
लगातार हो रही बारिश से कोसी के जलस्तर बढ़ने से मूंढापांडे के कई गांवों में पानी घुस गया है। इसके दृष्टिगत डीएम अनुज सिंह ने समस्त बीडीओ को सभी बाढ़ग्रस्त गांवों में जाकर निरीक्षण के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में खंड विकास अधिकारी मूंढापाडे ने अवगत कराया गया है कि अजय कुमार ग्राम पंचायत सचिव को गांव रनियाठेर,अहरौला तथा हीरानगर की जिम्मेदारी दी गई लेकिन वह चौदह सितंबर से बिना सूचना के गैरहाजिर है। अजय कुमार द्वारा बिना सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित रहने,शासकीय कार्यो में लापरवाही बरतना, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना और आपदा में अपने पद के दायित्वों का निर्वहन नहीं करने पर डीएम ने निलंबित करने के आदेश दिए,इतना ही ही ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को भी कहा है।