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बड़े स्टेशनों पर लगेगा भीड़ प्रबंधन सिस्‍टम, रेलवे ने बांद्रा हादसे से लिया सबक

  • त्योहारों खासकर होली, दीवाली और छठ के समय में ट्रेनों में भीड़ अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है। कई बार भगदड़ और अफरातफरी जैसी स्थिति हो जाती है। हादसे का भी अंदेशा बना रहता है। इसे देखते हुए अब बडे स्‍टेशनों पर भीड़ मैनेजमेंट सिस्‍टम लगाने की तैयारी है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। आशीष श्रीवास्‍तवWed, 30 Oct 2024 06:05 AM
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Crowd Management: बांद्रा स्टेशन पर हुए हादसे से रेलवे ने सबक लेते हुए अब बड़े स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। त्योहारी सीजन में आए दिन यात्रियों के बीच मचने वाली भगदड़ और मारामारी की स्थिति से बचने के लिए रेलवे जल्द ही क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लांच करने जा रहा है। सेंसर आधारित इस सिस्टम से यह पता चल जाएगा कि कब और कहां किस तरह भीड़ को नियंत्रित करना है। क्षमता से अधिक भीड़ होने पर सेंसर आधारित अलर्ट जारी होगा और जरूरत पर ट्रेनों का प्लेटफार्म भी बदला जाएगा।

त्योहारों खासकर होली, दीवाली और छठ के समय में ट्रेनों में भीड़ अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है। भीड़ भी ऐसी कि भगदड़ और अफरातफरी जैसी स्थिति हो जाती है। हादसे का भी अंदेशा बना रहता है। अभी तीन दिन पहले ही बांद्रा स्टेशन पर बांद्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस में ऐसी भगदड़ मची कि 10 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। देखा गया है कि भीड़ बेकाबू होने पर अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट मोड में आते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लगाने की योजना है। इस सिस्टम में हर महत्वपूर्ण लोकेशन पर एक सेंसर लगाया जाएगा। सेंसर देखेगा कि कहां भीड़ अधिक हो रही है। भीड़ बढ़ने पर सेंसर कंट्रोल पर तुरंत एक संदेश भेजेगा, जिससे अफसर और कर्मचारी अलर्ट हो जाएंगे। उसके हिसाब से प्रबंधन किया जाएगा। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के अलावा जरूरत पर अगले दो से तीन घंटे बाद आने वाली ट्रेनों को दूसरे प्लेटफार्म पर शिफ्ट किया जाएगा।

अभी भीड़ नियंत्रण के ये हैं उपाय

-रेलवे स्टेशनों पर रस्सी का प्रयोग।

-सामान्य कोचों में यात्रियों का प्रवेश नियंत्रित करने के लिए हैंडहेल्ड लाउडस्पीकर से उद्घोषणा।

-भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कड़ी नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कंट्रोल रूम में आरपीएफ कर्मी की तैनाती।

-सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के ज़रिए लगातार सूचना-संदेश का प्रसारण।

-फ़ुट ओवर ब्रिज, प्रवेश और निकास बिंदु, प्लेटफार्म आदि पर आरपीएफ की तैनाती।

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