Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Rahul Gandhi wants to throw UP into the fire of riots Deputy CM Brajesh Pathak said Hathras visit

यूपी को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं राहुल गांधी, हाथरस दौरे पर भड़के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राहुल गांधी के हाथरस जाने पर कहा कि वह फ्रस्ट्रेशन और डिप्रेशन के शिकार हैं। वह यूपी के बढ़ते कदम देख पचा नहीं पा रहे हैं। राज्य को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 12 Dec 2024 03:55 PM
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यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने राहुल गांधी के हाथरस जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वह यूपी के बढ़ते कदम देख पचा नहीं पा रहे हैं। राज्य को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। राहुल गांधी फ्रस्ट्रेशन और डिप्रेशन के शिकार हैं। वे अनर्गल बयानबाजी करके जनता को बरगलाना चाहते हैं। प्रदेश को अराजकता और दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। राहुल गांधी दिग्भ्रमित हैं। यूपी में औद्योगिक क्रांति आ रही है। हर क्षेत्र में प्रदेश के बढ़ते कदम विपक्षियों को पच नहीं रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राहुल पर व्यंग कसते हुए कहा कि वह कभी संभल तो कभी अलीगढ़ जाना चाहते हैं। अपनी हवाई बयानबाजी से जनता को उकसाना चाहते हैं। हाथरस में सीबीआई ने जांच पूरी कर ली है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि जनता उनकी असलियत जान चुकी है। आज उत्तर प्रदेश तेजी से बढ़ता हुआ राज्य है। देश में हम जल्द ही नंबर एक के पायदान पर पहुंच जाएंगे।

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि राहुल गांधी को यूपी के बढ़ते कदम पच नहीं रहे हैं। वे राज्य को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। आज यूपी की कानून व्यवस्था की चर्चा पूरे देश में हो रही है। यूपी मॉडल को अन्य राज्य अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अनुरोध है कि वे अपनी स्थिति को लेकर मनन करें। जनता अब उनसे तंग आ चुकी है।

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अचानक हाथरस पहुंचे थे राहुल गांधी

सांसद राहुल गांधी गुरुवार को बूलगढ़ी गांव पहुंचे। जहां उन्होंने हाथरस पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उनसे बातचीत की। करीब 55 मिनट बंद कमरे में राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से बात की। साल 2020 में 2020 में चंदपा क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में युवती की मौत के बाद देश से लेकर विदेश तक मुद्दा छाया रहा। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तीन लोगों को कोर्ट बरी कर चुका है। जबकि एक आरोपी आज भी जेल में निरुद्व है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा में आज भी सीआरपीएफ की एक कंपनी लगी है।

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