राष्ट्रीय पार्टी का पदाधिकारी बन डीआईजी को किया फोन, महिला सिपाही के तबादले के लिए फर्जीवाड़ा
- पता चला है कि एक राष्ट्रीय पार्टी का पदाधिकारी बनकर डीआईजी को फोन किया गया था और फिर कूटरचित लेटर पैड का इस्तेमाल भी किया गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपित ने जिस मोबाइल नंबर से फोन किया था, उससे सिर्फ अफसरों को ही कॉल की गई है और अब उसे बंद कर दिया है।

पुलिस लाइन में तैनात महिला सिपाही के फर्जी तरीके से स्थानांतरण की कोशिश करने के मामले में पुलिस ने गहनता से जांच शुरू कर दी है। पता चला है कि एक राष्ट्रीय पार्टी का पदाधिकारी बनकर डीआईजी को फोन किया गया था और फिर कूटरचित लेटर पैड का इस्तेमाल भी किया गया था। हालांकि, मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपित ने जिस मोबाइल नंबर से फोन किया था, उससे सिर्फ अफसरों को ही कॉल की गई है और अब उसे बंद कर दिया है। इस मामले में पुलिस अब केस दर्ज करने की तैयारी में है।
दरअसल, पुलिस लाइंस में तैनात महिला सिपाही ने महराजगंज स्थानांतरण के लिए डीआईजी के पास प्रार्थना पत्र दिया था। उस पर विभागीय नियम के हिसाब से कार्रवाई हो रही थी। इसी बीच महिला सिपाही की सिफारिश के लिए डीआईजी को एक कॉल आई।
कॉल करने वाले ने खुद को एक राष्ट्रीय पदाधिकारी का बड़ा पदाधिकारी बताते हुए कहा कि सिपाही उसकी परिचित है और उसका महराजगंज स्थानांतरण कर दिया जाए। बड़े नेता का इतने छोटे स्तर पर पैरवी के लिए कॉल से संदेह हो गया। इसके बाद लेटर आने पर संदेह गहरा गया और फिर सिपाही को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने कॉल डिटेल की छानबीन की, लेकिन जालसाज का पता लगाने में अभी सफलता नहीं मिली है। दूसरी ओर, जिस महिला सिपाही के ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी, वह भी इस मामले में कुछ बोलने से बच रही है। उसने अभी तक पुलिस को कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। इसके चलते पुलिस को संदेह है कि महिला सिपाही को जालसाज के बारे में जानकारी हो सकती है। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जालसाज की पहचान करने के लिए तेजी से जांच जारी है।