महाकुंभ में सड़कें ही नहीं, आसमान में भी जाम; प्रयागराज एयरपोर्ट के रनवे पर जबरदस्त दबाव
- महाकुम्भ की वजह से प्रयागराज आने-जाने वाली फ्लाइट की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। एयर ट्रैफिक बढ़ने के कारण बाहर से आने वाले नॉन शेड्यूल विमानों को लैंडिंग के लिए पहले से इजाजत लेनी पड़ रही है। वहीं एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) पर भी दबाव बढ़ गया है।
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Mahakumbh 2025: महाकुम्भ के श्रद्धालुओं की भीड़ से यातायात का दबाव सिर्फ सड़कों और रेल ट्रैक तक सीमित नहीं है, बल्कि हवाई मार्ग पर भी है। प्रयागराज एयरपोर्ट से रोजाना 80 से अधिक विमानों की उड़ानें हो रही हैं, जिससे रनवे पर जबरदस्त दबाव है। इस कारण कई विमानों को लैंडिंग से पहले हवा में रोका जा रहा है। उन्हें काफी देर आसमान में चक्कर काटना पड़ रहा है।
महाकुम्भ की वजह से प्रयागराज आने-जाने वाली फ्लाइट की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। एयर ट्रैफिक बढ़ने के कारण बाहर से आने वाले नॉन शेड्यूल विमानों को लैंडिंग के लिए पहले से अनुमति लेनी पड़ रही है। वहीं एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) पर भी दबाव बढ़ गया है।
विमानों की लाइव स्थिति फ्लाइट रडार 24 मोबाइल एप पर देखें तो पता चलता है कि प्रयागराज एयरपोर्ट पर लैंड करने से पहले कई विमानों को चक्कर लगाना पड़ रहा है। शनिवार की शाम अहमदाबाद की एक प्लाइट सहसों के पास चक्कर लगा रही थी। इससे पहले 13 फरवरी को ट्रैफिक का दबाव होने के कारण लखनऊ की फ्लाइट नैनी इलाके में चक्कर लगाती रही।
हालांकि इस मामले में एयरपोर्ट निदेशक मुकेश उपाध्याय ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान विमानों की संख्या बढ़ी है। शहर में जाम के कारण लोगों की फ्लाइट मिस हो जा रही है। एयर ट्रैफिक से विमानों के आवागमन में समस्या नहीं आ रही है।
महाकुम्भ से पहले हुआ था विस्तार
महाकुम्भ को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट का विस्तार किया गया था। इसके तहत रनवे को 750 मीटर तक बढ़ाकर कुल 3250 मीटर लंबा कर दिया गया, जिससे बड़े विमानों की लैंडिंग में सुविधा हो। इसके अलावा नए टैक्सी ट्रैक बनाए गए, विमान पार्किंग की जगह (एप्रन) को दोगुना किया गया। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए टर्मिनल बिल्डिंग का भी विस्तार किया गया, जिससे प्रतिदिन दो हजार से अधिक यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि दिन-रात की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर कैट थ्री की जगह कैट टू की स्थापना की गई। अगर कैट थ्री होती तो यह समस्या नहीं होती। 24 घंटे विमानों का आवागमन होता।