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कानून के खिलाफ आदेश पर क्यों न लगे हर्जाना? अलीगढ़ एसएसपी से हाई कोर्ट ने किया सवाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी अलीगढ़ से पूछा है कि गलत वेतन निर्धारण से अधिक भुगतान की सेवानिवृत्ति परिलाभ से कटौती का उनका आदेश क्यों न रद्द कर दिया जाए और कटौती की गई राशि वापस कराई जाए।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तानSat, 10 Aug 2024 10:09 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी अलीगढ़ से पूछा है कि गलत वेतन निर्धारण से अधिक भुगतान की सेवानिवृत्ति परिलाभ से कटौती का उनका आदेश क्यों न रद्द कर दिया जाए और कटौती की गई राशि वापस कराई जाए। साथ ही शफीक मसीह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आदेश के लिए उन पर क्यों न हर्जाना लगाया जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रिटायर डिप्टी एसपी रामदास व सिराजुद्दीन की याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक को सुनकर दिया है। याचिका में अधिक भुगतान की कटौती के एसएसपी के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है। याची 31 जुलाई 2023 को रिटायर हुए। उसके बाद उनके सेवानिवृत्ति परिलाभ से क्रमशः 412096 रुपये व 159331 रुपये की कटौती कर ली गई। उन्हें सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुला उल्लंघन है, इसलिए इसे निरस्त कर कटौती राशि वापस कराई जाए।

एक ही अपराध पर दोहरा दंड क्यों

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मेरठ से एक दरोगा को चेतावनी देकर माफ करने के बाद उसी घटना को लेकर दोबारा सत्यनिष्ठा की प्रतिकूल प्रविष्टि से दंडित करने पर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर ऐसा करने का कारण बताने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लिंक रोड गाजियाबाद में तैनात पुलिस उप निरीक्षक गोपाल चौहान की याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक को सुनकर दिया है। याची ने लालकुर्ती थाने में तैनाती के दौरान भोपाल सिंह मार्केट बेगम ब्रिज रोड स्थित कृपाल प्रॉपर्टीज एवं ज्वेलर्स के प्रोपराइटर धर्मेन्द्र ग्रोवर को थाने लाकर जेल भेज दिया था, जबकि वह नियमित किराया दे रहा था। दुकान मालिकों के बीच विवाद में एक ने दुकान बेच दी और खरीदने वाले ने जबरन दुकान पर कब्जा कर लिया था। धर्मेंद्र ग्रोवर दुकान खाली कराने की कोशिश में हुए विवाद के कारण बिना गलती के जेल भेज दिया गया था।

इस पर एसएसपी ने याची को पहले चेतावनी देकर माफ कर दिया था। बाद में जांच कराकर दंडित कर दिया। याची ने एक ही अपराध के लिए दोहरे दंड के खिलाफ याचिका की है।

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