प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांग रहा सलीम
बावनखेड़ी हत्याकांड का आरोपी सलीम अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांग रहा है। फांसी की तारीख नजदीक आने पर वह ऊपर वाले से माफी की गुहार लगा रहा...
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
बावनखेड़ी हत्याकांड का आरोपी सलीम अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांग रहा है। फांसी की तारीख नजदीक आने पर वह ऊपर वाले से माफी की गुहार लगा रहा है। सलीम को नैनी जेल के तन्हाई बैरक में रखा गया है। शबनम की जुदाई और जेल की तन्हाई ने सलीम को शायर बना दिया है। वह अब जेल में लिखने पढ़ने लगा है। बावनखेड़ी हत्याकांड में शबनम और सलीम दोनों का फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। शबनम की दया याचिका भी खारिज हो चुकी है।
बावखेड़ी हत्याकांड के आरोपी सलीम को फांसी की सजा होने के बाद बरेली जेल में ट्रांसफर किया गया था। उस वक्त बरेली जेल में वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय थे। जेल में सलीम का आचरण ठीक न होने पर उस पर सख्ती की। इसके बाद उसके अचारण में बदलाव आने लगा। 2018 में प्रशासनिक कारणों से सलीम को बरेली जेल से नैनी सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया गया। इसी बीच सलीम की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। फांसी की सजा मुकर्रर होने से पहले ही उसे तन्हाई बैरक में बंद कर दिया गया। जब सलीम को इस बात की जानकारी हुई पीएन पांडेय का तबादला भी नैनी जेल में हुआ हैं तो उसने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को पुरानी बातें याद दिलाने के लिए खत लिखा था। लेकिन उसे तन्हाई से छुटकारा नहीं मिला।
तन्हाई बैरक में शबनम की याद में वह शायर बन गया। पांचों वक्त नमाज अदा करने लगा। प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांगता है। जेल प्रशासन की मानें तो पांचवीं पास सलीम जेलों में रहते हुए पढ़ना और लिखना सीख गया। कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद सलीम इन दिनों जेल में कविताएं लिखता है। साथी बंदियों के मुताबिक उसने तमाम शेर भी लिखे हैं। उर्दू के लफ्जों के इस्तेमाल वाले शेरों को वो हिन्दी में कागज पर लिखता है। जेल में बंद कैदी कहते हैं कि शबनम के चक्कर में वह शायर बन गया है। सलीम अखबार और मैगजीन में छपी शबनम की खबर और तस्वीर को सीने से लगाकर रखता है।
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