महाकुम्भ में 12 भारतीय भाषाओं में एक साथ संवाद करेंगे अफसर
महाकुम्भ 2025 में पहली बार एआई का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए किया जाएगा। भारत सरकार का भाषिनी एप भी उपयोग में लाया जाएगा, जिससे 12 भारतीय भाषाओं में संवाद संभव होगा। आईआईटी कानपुर की टीम इस परियोजना में...
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। महाकुम्भ 2025 तकनीकों के लिए भी जाना जाएगा। पहली बार एआई के जरिए सुरक्षा के लिए नए प्रयोग किए जाएंगे। इसके साथ ही इस बार भारत सरकार के भाषिनी एप का भी इस्तेमाल होगा। इस एप के जरिए मेला व पुलिस प्रशासन के अफसर एक समय में एक साथ 12 भारतीय भाषाओं में संवाद कर सकेंगे। इसके लिए आईआईटी कानपुर की टीम की मदद ली जाएगी। गुरुवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय के आईट्रिपलसी सभागार में आईआईटी कानपुर के तीन प्रोफेसर्स के साथ मेला व प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक हुई। रिसर्च स्टडी के लिए आईआईटी कानपुर के साथ इस महीने के अंतिम सप्ताह तक एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाएगा।
महाकुम्भ 2025 की सफलता और विफलता, पुलिस की तैयारियों, भीड़ नियंत्रण आदि की स्थिति पर इस बार कानपुर आईआईटी स्टडी करेगी। जिसके लिए कानपुर आईआईटी से प्रो. मुनमुन झा, प्रो. दिलीप व एक अन्य प्रोफोसर की टीम प्रयागराज आई। भाषिनी एप की सबसे प्रमुख बात यह होगी कि इसमें टेक्स्ट मैसेज को वायस मैसेज और वायस मैसेज को टेक्सट मैसेज में आसानी से बदला जा सकेगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण का चैट बॉट और भाषिनी एप से एमओयू हो चुका है। आईट्रिपलसी सभागार में एडीजी भानु भाष्कर की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद भी मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।