सेहत लिए 850 बच्चों को दी गयी स्वर्णप्राशन की दवा
Prayagraj News - आयुष विभाग ने महाकुंभ में 10 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में 850 बच्चों को स्वर्णप्राशन की दवा दी। यह दवा बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है और कुपोषण से बचाती है। नियमित सेवन से...
आयुष विभाग की ओर से महाकुम्भ में संचालित 10 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में मंगलवार को 850 बच्चों को स्वर्णप्राशन की दवा दी गई। स्वर्णप्राशन को स्वर्ण भस्म और मेधावर्धक औषधियों से बनाया गया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि स्वर्णप्राशन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह दवा बच्चों को कुपोषण से बचाती है। इसके नियमित सेवन से बच्चों में बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खासकर वे बच्चे जिन्हें बार-बार सर्दी, खांसी या जुकाम की समस्या होती है। उन्हें इससे फायदा होता है। इससे वाणी में मधुरता आती है। डॉ. मनोज के अनुसार, मेले के सेक्टर दो, छह, आठ, नौ, 13, 16, 17, 18, 21 में अस्पताल संचालित है। यहां 24 घंटे सेवा उपलब्ध है। इस मौके पर डॉ. अवनीश पाण्डेय, डॉ. अलका रावत, डॉ. जय प्रकाश, डॉ. पंकज कुमार मिश्र, डॉ. सुनील कुमार वर्मा, डॉ. सुमन कुशवाहा, डॉ. विनीता, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. पवन मिश्र, डॉ. ब्राह्मंनद मौजूद रहे।
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