बच्चे को अपनाने की शर्त पर मिली जमानत
Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक दुष्कर्म आरोपी को जमानत दी है, बशर्ते डीएनए जांच में साबित हो कि बच्चा उसका है। आरोपी ने दावा किया कि यदि बच्चा उसका पाया गया तो वह पीड़िता और बच्चे को अपनाने के लिए तैयार है।...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि यदि डीएनए जांच में साबित होता है कि बच्चा उसका है और वह मां-बच्चे को अपनाने के लिए तैयार है। हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया है। पीड़िता के अनुसार याची ही बच्चे का पिता है। जबकि याची का कहना था कि पीड़िता की पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी शादी हुई थी। अत: निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि बच्चे का पिता याची ही है। याची ने पूरक हलफनामा दाखिल कर कहा कि डीएनए जांच में यदि बच्चा उसका पाया जाता है तो वह पीड़िता व बच्चे को अपना लेगा। इन तथ्य के आधार पर कोर्ट ने जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। यह आदेश न्यायामूर्ति समीर जैन ने प्रयागराज के थाना मांडा के आरोपी की अर्जी पर दिया।
याची पर प्रयागराज के थाना मांडा में दुष्कर्म, पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि उसने पीड़िता से शादी का झूठा वादा कर संबंध बनाया। जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से इन्कार कर दिया। याची डेढ़ साल से जेल में है। उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की।
याची के वकील ने दलील दी कि उसे झूठे आधार पर आरोपी बनाया गया है। एफआईआर जब दर्ज कराई गई तो पीड़िता की उम्र लगभग 17 साल 10 महीने थी। यानी वह वयस्क होने की कगार पर थी। पीड़िता के बयानों से पता चलता है कि वह सहमति देने वाली थी। पीड़िता की मां के बयान से यह पता चलता है कि उसकी शादी पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ हुई थी। ऐसे में बच्चा आवेदक का है यह नहीं कहा जा सकता। यह भी दलील दी कि डीएनए जांच में बच्चा आवेदक का पाया गया तो वह उसे व पीड़िता को अपना लेगा। कोर्ट ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली।
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