सज़ा के तौर पर किया गया स्थानांतरण अवैध : हाईकोर्ट
Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सहायक अभियंता विजय कुमार यादव का स्थानांतरण अवैध है। कोर्ट ने मुख्य अभियंता (वितरण)-द्वितीय, प्रयागराज के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि कर्मचारी को उसी स्थान पर...
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सजा के रूप में किया गया स्थानांतरण पूरी तरह से अवैध है। कोर्ट ने मुख्य अभियंता (वितरण)-द्वितीय, प्रयागराज के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही कहा कि कर्मचारी को उसी जगह काम करने दिया जाए जहां वह पहले से कार्यरत था। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने विजय कुमार यादव की याचिका पर दिया।
याची सहायक अभियंता का विद्युत वितरण उप मंडल कटेहरा हंडिया से विद्युत वितरण उप खंड-नगर प्रतापगढ़ स्थानांतरण कर दिया। याची ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची का कहना था कि उसकी पत्नी गौरी पाठशाला इंटर कॉलेज, मालवीय नगर, प्रयागराज में शिक्षक के रूप में कार्यरत थी। इस आधार पर 28 जून 2024 को उसका स्थानांतरण गोरखपुर से प्रयागराज कर दिया गया। इसके बाद 30 जून 2024 को विद्युत वितरण उपखंड, कटेहरा, प्रयागराज स्थानांतरण किया गया। बाद में द्वेषपूर्ण तरीके से प्रतापगढ़ स्थानांतरण कर दिया गया। एक शिकायत पर जांच की गई, जो गलत पाई गई। इसके बाद भी दंड के रूप में स्थानांतरित किया गया है, जो अवैध है।
न्यायालय ने पक्षों को सुनने के बाद कहा कि स्थानांतरण आदेश सेवा का एक हिस्सा है। इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए लेकिन प्राधिकारियों की ओर से दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया स्थानांतरण द्वेषपूर्ण है। इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया। न्यायालय ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को मुख्य अभियंता, जिला डिवीजन-द्वितीय, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी को आदेश के बारे में सूचित करने को निर्देश दिया।
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