फर्जी डिग्री देने वाले फार्मेसी कॉलेज प्रबंधक के दो और बैंक खातों का पता चला
प्रतापगढ़ में फार्मेसी की फर्जी डिग्रियां देने के मामले में पुलिस ने प्रबंधक आशीष यादव को गिरफ्तार किया है। पुलिस सिंघानिया विश्वविद्यालय की जांच करेगी और यादव के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की तैयारी...
प्रतापगढ़, संवाददाता। फार्मेसी की फर्जी डिग्रियां देने के मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम जल्द ही राजस्थान के सिंघानिया विश्वविद्यालय जाएगी। रविवार को छानबीन के दौरान पुलिस को कॉलेज प्रबंधक के दो और बैंक खातों के बारे में जानकारी हुई। पुलिस उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। संग्रामगढ़ के मनगढ़ में गेटवे कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर वसूली करने और फर्जी डिग्रियां देने के मामले में पुलिस ने प्रबंधक आशीष यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उसके पास से भारी मात्रा में रसीदें व अन्य अभिलेख बरामद करने के साथ ही उसके बैंक खाते में जमा 9.60 लाख रुपये पुलिस ने सीज करा दिया है। उस पर प्रतापगढ़ और प्रयागराज के करीब 300 छात्रों से फीस वसूलने का आरोप है। पुलिस को अभिलेख की छानबीन के दौरान रविवार को एचडीएफसी में दो और बैंक खातों का पता चला। हालांकि रविवार को बैंक बंद होने के कारण पुलिस उसके खातों में जमा रकम के बारे में जानकारी नहीं कर सकी। पुलिस आशीष यादव के यहां से बरामद सिंघानिया विश्वविद्यालय के अभिलेखों की सच्चाई जानने वहां जाएगी। इसके साथ ही उसके खिलाफ गैंगस्टर लगाने की तैयारी की जा रही है।
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फ्रॉड के साथी भी चिन्हित कर रही पुलिस
रुपये वसूलने के लिए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने के आरोपित के सहयोगियों पर भी पुलिस शिकंजा कस सकती है। सूत्रों के अनुसार पुलिस इस बाबत छानबीन कर रही है कि फार्मेसी कॉलेज की शुरुआत से आशीष यादव के साथ सहयोग करने वाले को चिन्हित किया जा रहा है। फर्जीवाड़े में जिसकी भी भूमिका सामने आएगी, उस पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
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फर्जी डिग्री थमाई लेकिन नहीं दिया था ग्रीनकार्ड
फार्मेसी कॉलेज से फर्जी डिग्रियां देने के आरोपित आशीष ने छात्रों को ग्रीन कार्ड नहीं दिया था, जबकि उसे डिग्री के साथ ही छात्र को देना था। मानिपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले छात्र अजय बहादुर पाल ने बताया कि उसे डी फार्मा की डिग्री मिली है। इसके साथ ही उसे ग्रीनकार्ड मिलना था लेकिन प्रबंधक ने बाद में देने की बात कही थी। बिना ग्रीन कार्ड के वह डिग्री लेकर कहीं जा नहीं सकता था। मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस भी नहीं बनवा सकता था। अजय ने बताया कि उससे पहले के बैच के छात्रों को भी ग्रीन कार्ड नहीं दिया गया था। ग्रीन कार्ड की मांग करने पर बहानेबाजी की जा रही थी।
हथिगवां में दर्ज हुई एक और एफआईआर
प्रतापगढ़। हथिगवां थाना क्षेत्र के रसूलपुर निंदूरा निवासी छात्र मो. सऊद ने फर्जी डिग्री देने के मामले में फार्मेसी कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज कराया। मो. सऊद के अनुसार उसने 2021-22 में डी फार्मा का कोर्स करने के लिए गेट वे फार्मेसी पैरामेडिकल कालेज मीरापुर लोकैयापुर को सही संस्थान मानकर प्रवेश लिया था। अवधि पूरी होने के बाद कालेज के प्रबंधक आशीष यादव ने उसको आश्वासन दिया कि कॉलेज पूरी तरह से मान्यता प्राप्त यूजीसी मानक पर है। बाद में जो प्रमाण पत्र विद्यालय प्रबंधक की ओर से दिया गया था वह सिंधानिया यूनिवर्सिटी राजस्थान का बताया गया। जबकि वह कूटरचित फर्जी प्रमाण पत्र है। इस मामले में बार-बार प्रबंधक से बात करने पर मारने-पीटने की धमकी दी गई। 29 जुलाई को अन्य छात्रों के साथ वह ऑफिस गया तो वहां पर प्राइवेट बाउंसर ने उसे पीटा था।
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इनका कहना है
राजस्थान के सिंघानिया विश्वविद्यालय के जो अभिलेख आशीष यादव के यहां से मिले हैं उनकी जांच के लिए पुलिस टीम वहां जा रही है। अन्य छात्रों की भी तहरीर आ रही है। पहले से दर्ज एफआईआर में उसे शामिल किया जा रहा है। आशीष यादव के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।
रामसूरत सोनकर, सीओ लालगंज
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